विश्व दिव्यांग दिवस को जयपुर स्थित संगठन उमंग ने इस वर्ष विशेष उत्सव और जागरूकता सप्ताह के रूप में मनाया। सप्ताहभर चली इस गतिविधि श्रृंखला ने समावेशन, संवेदनशीलता और विभिन्नताओं को स्वीकारने की भावना को नई ऊर्जा प्रदान की। उमंग द्वारा तीन अलग-अलग स्कूलों जयश्री पेरिवाल स्कूल (चित्रकूट), कैम्ब्रिज कोर्ट वर्ल्ड स्कूल (मानसरोवर) और वर्धमान स्कूल में आयोजित जागरूकता मेलों ने छात्रों और शिक्षकों को प्रेरणादायक अनुभव दिया। इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों को दिव्यांगजनों की चुनौतियों को समझने, महसूस करने और सम्मान देने के लिए प्रोत्साहित करना था, ताकि समाज में समावेश और संवेदनशीलता की मजबूत नींव रखी जा सके। विभिन्न खेलों, संवादों और गतिविधियों ने इसे ज्ञान, अनुभव और आनंद से भरपूर सप्ताह बना दिया। व्यावहारिक गतिविधियों ने बढ़ाई समझ मेले के दौरान छात्रों ने दिव्यांगता से जुड़े कई इंटरैक्टिव अनुभवों में हिस्सा लिया, जिनमें व्हीलचेयर नेविगेशन, आंखों पर पट्टी बांधकर कार्य पूरा करना, बेसिक सांकेतिक भाषा सीखने की गतिविधि शामिल रही। इन गतिविधियों ने छात्रों को दिव्यांगजनों की दैनिक चुनौतियों का प्रत्यक्ष अनुभव कराया, जिससे उनमें सहानुभूति, जिज्ञासा और संवाद की भावना का विकास हुआ। विद्यालय परिसर में प्रदर्शित जानकारीपूर्ण पोस्टर्स ने दिव्यांगता से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य साझा किए। इन्हीं तथ्यों पर आधारित गेम्स के माध्यम से बच्चों ने पुरस्कार भी जीते, जिससे सीखने की प्रक्रिया रोचक और यादगार बन गई। तीनों स्कूलों में आयोजन का माहौल उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा से भरा रहा। इस अवसर पर उमंग की निदेशक दीपक कालरा ने कहा कि जब हम किसी को वास्तव में समझते हैं, तभी हम उन्हें स्वीकार कर पाते हैं। उमंग का उद्देश्य एक ऐसे समावेशी समाज का निर्माण करना है, जहाँ दिव्यांग और सामान्यजन साथ मिलकर सद्भावपूर्वक जीवन व्यतीत करें और विभिन्नताओं को मिटाने के बजाय उनका उत्सव मनाएं।


