‘पवन सिंह नाचने-गाने वाले हैं, वे सेलिब्रिटी हैं, उनके भाजपा में आने से पार्टी को कोई फायदा नहीं होगा। मैं 38 साल से भाजपा से जुड़ा हुआ हूं, मैं जमीनी स्तर पर काम करता हूं, तीन बार भोजपुर जिला भाजपा का उपाध्यक्ष रह चुका हूं, मुझे पता है कि सेलिब्रिटी के पार्टी में आने से वोट पर कोई असर नहीं होता है।’ ‘भाजपा ने पिछले साल 2024 में भी पवन सिंह को आसनसोल लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्होंने पार्टी के आदेश का अनादर करते हुए न सिर्फ टिकट लौटा दिया, बल्कि पार्टी लाइन से हटकर काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में कूद गए, जिसका नुकसान एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा को उठाना पड़ा।’ ये बातें भोजपुर भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य शंभू चौरसिया ने सोमवार को दैनिक भास्कर से बातचीत में कही है। उन्होंने कहा कि पार्टी की आदेश का अनादर करने वाले पवन सिंह को दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य नेताओं के साथ उनकी तस्वीरें सामने आई, इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश नहीं गया, कार्यकर्ता नाराज हैं। उन्होंने कहा कि जो कार्यकर्ता पिछले 10, 20, 30 साल से पार्टी का झंडा-डंडा उठा रहा है, उन जमीनी कार्यकर्ताओं को दरकिनार करना, उन्हें तवज्जो नहीं देना ठीक नहीं है। शंभू चौरसिया ने कहा कि अगर पवन सिंह निर्दलीय भी चुनाव लड़ जाएं तो पार्टी के कैंडिडेट को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। पवन सिंह स्टार प्रचार हैं, भीड़ जुटा सकते हैं, लोग जुटा सकते हैं लेकिन उस भीड़ को वोट में तब्दील नहीं कर सकते हैं। सोनिया गांधी भी आती हैं, राहुल गांधी भी आते हैं, काफी भीड़ होती है, लेकिन भीड़ वोट में तब्दील होता है क्या? दरअसल, सितंबर के आखिरी हफ्ते में भाजपा में वापसी करने के बाद चर्चा थी कि पवन सिंह को भोजपुर जिले के किसी सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। हालांकि, पवन सिंह ने तीन दिन पहले खुद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया। उन्होंने लिखा, ‘मैं पवन सिंह अपने भोजपुरिया समाज से बताना चाहता हूं कि मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं किया था और नाही मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है…मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा।’ पवन सिंह के इस पोस्ट के बाद दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने भोजपुर भाजपा के नेता और भोजपुरी पावर स्टार के पुराने साथी और सीनियर जर्नलिस्ट से भी बातचीत की। पढ़ें, पूरी रिपोर्ट। पवन सिंह के साथ काफी समय बिताने वाले सीनियर पत्रकार और एक्टर ओम प्रकाश पांडेय ने बताया कि पवन सिंह विधायक के चुनाव लिए नहीं बने हुए हैं। जो आदमी कभी सांसद का चुनाव लड़ा हो और उसको बीजेपी में आने के बाद फिर विधायक का चुनाव लड़ना कहीं से पच नहीं रहा था। उस पर इतनी कन्ट्रोवर्सी, उनकी पत्नी का लगातार मीडिया के सामने आना, उसके बाद अचानक पवन सिंह Y श्रेणी कटेगरी का सुरक्षा मिलना। ओम प्रकाश पांडेय ने कहा कि भाजपा पवन सिंह का इस्तेमाल बिहार विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक के रूप में करेगी। हो सकता है कि अगले लोकसभा या फिर विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिल जाए। ये बात पवन भी समझ रहे होंगे, इसलिए शायद उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पवन सिंह का जनाधार है, एक अच्छे कलाकार हैं, उनकी फैन फॉलोइंग है। युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक में जबरदस्त पकड़ है। बीजेपी ने एक धुंआधार राजनीतिक पारी खेलने के लिए पवन सिंह का इस्तेमाल कर रही है। ‘भाजपा पवन सिंह को राज्यसभा ले जाने की तैयारी कर रही है’ ओम प्रकाश पांडेय ने कहा कि चुनाव में एक ऐसे शख्स का होना जरूरी है, जो जहां जाए और भीड़ को समेटे, उसके लिए पवन सिंह सबसे मजबूत चेहरा हैं। इसलिए बीजेपी सोची समझी तैयारी के साथ पवन सिंह का उपयोग करेंगी। इसलिए भाजपा उन्हें राज्यसभा ले जाने की तैयारी भी कर रही है। इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में शाहाबाद समेत अन्य जिलों में पवन सिंह की मौजूदगी का प्रभाव पड़ेगा। ‘पवन सिंह अच्छे इंसान, लेकिन मूडी किस्म के हैं’ ओम प्रकाश ने बताया कि पवन सिंह इंसान अच्छे हैं, लेकिन मूडी किस्म के हैं। मूड में आता है तो 10 टेक देते हैं। अगर मूड नहीं है तो काम नहीं करना है। हर कलाकार का अपना स्टाइल है। वहीं, पवन सिंह की ओर से चुनाव न लड़ने के पोस्ट को लेकर ओम प्रकाश कहते हैं कि पिछले दिनों पवन सिंह को लेकर इतनी ज्यादा कन्ट्रोवर्सी हो गई है, जिसके चलते हो सकता है कि वे मानसिक दबाव में होंगे। ये भी हो सकता है कि उन्होंने दबाव की वजह से ये पोस्ट किया हो। उन्होंने कहा कि ज्योति सिंह भी एक वजह है। ज्योति सिंह ने भी चुनाव लड़ने की बात कही है। इस कन्ट्रोवर्सी में तरह-तरह के बयान आ रहे हैं। राजपूत खेमों से लेकर अन्य दलों के नेताओं की ओर से बयानबाजी की जा रही है। आम जनता का भी कहना है कि जिनके खिलाफ चुनाव लड़ा, उसी नेता का पैर छूकर आशीर्वाद ले रहे हैं। ये सब देखकर कहा जा सकता है कि पावर स्टार मानसिक दबाव में हैं। ‘पवन सिंह नाचने-गाने वाले हैं, वे सेलिब्रिटी हैं, उनके भाजपा में आने से पार्टी को कोई फायदा नहीं होगा। मैं 38 साल से भाजपा से जुड़ा हुआ हूं, मैं जमीनी स्तर पर काम करता हूं, तीन बार भोजपुर जिला भाजपा का उपाध्यक्ष रह चुका हूं, मुझे पता है कि सेलिब्रिटी के पार्टी में आने से वोट पर कोई असर नहीं होता है।’ ‘भाजपा ने पिछले साल 2024 में भी पवन सिंह को आसनसोल लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्होंने पार्टी के आदेश का अनादर करते हुए न सिर्फ टिकट लौटा दिया, बल्कि पार्टी लाइन से हटकर काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में कूद गए, जिसका नुकसान एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा को उठाना पड़ा।’ ये बातें भोजपुर भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य शंभू चौरसिया ने सोमवार को दैनिक भास्कर से बातचीत में कही है। उन्होंने कहा कि पार्टी की आदेश का अनादर करने वाले पवन सिंह को दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य नेताओं के साथ उनकी तस्वीरें सामने आई, इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश नहीं गया, कार्यकर्ता नाराज हैं। उन्होंने कहा कि जो कार्यकर्ता पिछले 10, 20, 30 साल से पार्टी का झंडा-डंडा उठा रहा है, उन जमीनी कार्यकर्ताओं को दरकिनार करना, उन्हें तवज्जो नहीं देना ठीक नहीं है। शंभू चौरसिया ने कहा कि अगर पवन सिंह निर्दलीय भी चुनाव लड़ जाएं तो पार्टी के कैंडिडेट को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। पवन सिंह स्टार प्रचार हैं, भीड़ जुटा सकते हैं, लोग जुटा सकते हैं लेकिन उस भीड़ को वोट में तब्दील नहीं कर सकते हैं। सोनिया गांधी भी आती हैं, राहुल गांधी भी आते हैं, काफी भीड़ होती है, लेकिन भीड़ वोट में तब्दील होता है क्या? दरअसल, सितंबर के आखिरी हफ्ते में भाजपा में वापसी करने के बाद चर्चा थी कि पवन सिंह को भोजपुर जिले के किसी सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। हालांकि, पवन सिंह ने तीन दिन पहले खुद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया। उन्होंने लिखा, ‘मैं पवन सिंह अपने भोजपुरिया समाज से बताना चाहता हूं कि मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं किया था और नाही मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है…मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा।’ पवन सिंह के इस पोस्ट के बाद दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने भोजपुर भाजपा के नेता और भोजपुरी पावर स्टार के पुराने साथी और सीनियर जर्नलिस्ट से भी बातचीत की। पढ़ें, पूरी रिपोर्ट। पवन सिंह के साथ काफी समय बिताने वाले सीनियर पत्रकार और एक्टर ओम प्रकाश पांडेय ने बताया कि पवन सिंह विधायक के चुनाव लिए नहीं बने हुए हैं। जो आदमी कभी सांसद का चुनाव लड़ा हो और उसको बीजेपी में आने के बाद फिर विधायक का चुनाव लड़ना कहीं से पच नहीं रहा था। उस पर इतनी कन्ट्रोवर्सी, उनकी पत्नी का लगातार मीडिया के सामने आना, उसके बाद अचानक पवन सिंह Y श्रेणी कटेगरी का सुरक्षा मिलना। ओम प्रकाश पांडेय ने कहा कि भाजपा पवन सिंह का इस्तेमाल बिहार विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक के रूप में करेगी। हो सकता है कि अगले लोकसभा या फिर विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिल जाए। ये बात पवन भी समझ रहे होंगे, इसलिए शायद उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पवन सिंह का जनाधार है, एक अच्छे कलाकार हैं, उनकी फैन फॉलोइंग है। युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक में जबरदस्त पकड़ है। बीजेपी ने एक धुंआधार राजनीतिक पारी खेलने के लिए पवन सिंह का इस्तेमाल कर रही है। ‘भाजपा पवन सिंह को राज्यसभा ले जाने की तैयारी कर रही है’ ओम प्रकाश पांडेय ने कहा कि चुनाव में एक ऐसे शख्स का होना जरूरी है, जो जहां जाए और भीड़ को समेटे, उसके लिए पवन सिंह सबसे मजबूत चेहरा हैं। इसलिए बीजेपी सोची समझी तैयारी के साथ पवन सिंह का उपयोग करेंगी। इसलिए भाजपा उन्हें राज्यसभा ले जाने की तैयारी भी कर रही है। इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में शाहाबाद समेत अन्य जिलों में पवन सिंह की मौजूदगी का प्रभाव पड़ेगा। ‘पवन सिंह अच्छे इंसान, लेकिन मूडी किस्म के हैं’ ओम प्रकाश ने बताया कि पवन सिंह इंसान अच्छे हैं, लेकिन मूडी किस्म के हैं। मूड में आता है तो 10 टेक देते हैं। अगर मूड नहीं है तो काम नहीं करना है। हर कलाकार का अपना स्टाइल है। वहीं, पवन सिंह की ओर से चुनाव न लड़ने के पोस्ट को लेकर ओम प्रकाश कहते हैं कि पिछले दिनों पवन सिंह को लेकर इतनी ज्यादा कन्ट्रोवर्सी हो गई है, जिसके चलते हो सकता है कि वे मानसिक दबाव में होंगे। ये भी हो सकता है कि उन्होंने दबाव की वजह से ये पोस्ट किया हो। उन्होंने कहा कि ज्योति सिंह भी एक वजह है। ज्योति सिंह ने भी चुनाव लड़ने की बात कही है। इस कन्ट्रोवर्सी में तरह-तरह के बयान आ रहे हैं। राजपूत खेमों से लेकर अन्य दलों के नेताओं की ओर से बयानबाजी की जा रही है। आम जनता का भी कहना है कि जिनके खिलाफ चुनाव लड़ा, उसी नेता का पैर छूकर आशीर्वाद ले रहे हैं। ये सब देखकर कहा जा सकता है कि पावर स्टार मानसिक दबाव में हैं।


