ललितपुर में शनिवार को हत्या का आरोप सिद्ध होने के बाद एक महिला ने कोर्ट परिसर में जहरीला पदार्थ खा लिया था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना के बाद जेल में बंद महिला के पुत्र और पुत्री को भी अपने मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल नहीं मिल सकी। महिला की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें ललितपुर जिला अस्पताल से झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। लेकिन रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई। रविवार को झांसी में मृतका का पोस्टमॉर्टम कराया गया। देर रात करीब 8 बजे शव गांव पहुंचा, जिसके बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार किया। जेल में बंद मृतका के पुत्र और पुत्री को अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। अधिवक्ता ने बताया कि न्यायालय ने जेल प्रशासन को पैरोल पर विचार करने के लिए आदेश भेजा था। हालांकि, जेलर का कहना है कि अदालत ने जेल मैनुअल के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। जेल मैनुअल के तहत उन्हें बंदियों को रिहा करने का अधिकार नहीं है। यह मामला जखौरा थाना क्षेत्र के ग्राम चकलालौन, हाल निवासी नेहरू नगर की गेंदाबाई और उनके परिवार से जुड़ा हुआ है। गेंदाबाई, उनके पति नंदलाल, बेटे बबलू, बेटी अप्पी उर्फ अशर्फी, सुरेंद्र और द्रोपाल पर 17 सितंबर 2023 को नेहरू नगर के किशन (22) की लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप था। इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, एससी-एसटी एक्ट स्पेशल कोर्ट में 6 दिसंबर को हुई। कोर्ट ने गेंदाबाई, बबलू, अशर्फी, द्रोपाल और सुरेंद्र को हत्या और एससी-एसटी एक्ट के तहत दोषी पाया और न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश दिया। इसी दौरान वृद्धा गेंदाबाई ने अपने पास छुपाकर रखी सल्फास की गोलियां निगल लीं। जिससे उनकी हालत नाजुक हो गई। इलाज के लिए पहले ललितपुर और फिर झांसी ले जाया गया, जहां पहुंचने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।


