भोपाल एम्स में रविवार को हुए हार्ट और किडनी ट्रांसप्लांट के बाद मरीजों की हालत में सुधार देखने को मिल रहा है। सोमवार शाम तक की स्थिति पर बोलते हुए डॉक्टरों ने बताया कि हार्ट ट्रांसप्लांट वाली 41 वर्षीय महिला की स्थिति स्थिर है और हृदय सामान्य रूप से काम कर रहा है। डॉक्टरों को उम्मीद है कि मंगलवार दोपहर तक उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट से हटा लिया जाएगा। वहीं, किडनी ट्रांसप्लांट वाले 30 वर्षीय युवक की हालत में भी सुधार है और उसे आईसीयू से हटाकर हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) में शिफ्ट कर दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति मध्यभारत में ऑर्गन डोनेशन की उम्मीद भी जगाती है। हार्ट ट्रांसप्लांट मरीज की हालत में सुधार
एम्स प्रबंधन को सोमवार शाम जो मेडिकल रिपोर्ट सौंपी गई, उसके मुताबिक हार्ट ट्रांसप्लांट मरीज के सभी पैरामीटर ब्लड प्रेशर, हार्ट पंपिंग और पल्स रेट सामान्य हैं। रिपोर्ट के अनुसार मरीज अभी बेहोश है, लेकिन शरीर नए हार्ट को रिसीव कर चुका है। यदि स्थिति ऐसी ही बनी रहती है तो मंगलवार दोपहर या रात तक वेंटिलेटर सपोर्ट हटा दिया जाएगा। 48 घंटे रहते हैं सबसे क्रूशियल
डॉक्टरों के मुताबिक हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद शुरुआती 48 घंटे बेहद नाजुक होते हैं। इसके अलावा ट्रांसप्लांट के लिए मरीज को इम्यूनो-कॉम्प्रोमाइज स्थिति में रखा जाता है ताकि शरीर नए अंग को अस्वीकार न करे। एम्स भोपाल ने इसके लिए एक स्पेशल आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है, जहां सिर्फ इन्हीं मरीजों को रखा गया है। ड्यूटी पर जाने वाले डॉक्टर भी पूरी तरह सैनिटाइज होकर, मास्क और ग्लव्स में ही अंदर जाते हैं। किडनी ट्रांसप्लांट मरीज की हालत सामान्य
30 वर्षीय पुरुष मरीज, जिसे उसी दाता की एक किडनी दी गई थी, अब पूरी तरह खतरे से बाहर है। सोमवार को उसे आईसीयू से एचडीयू में शिफ्ट किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि किडनी का रिस्पॉन्स शानदार है और सभी रिपोर्ट्स सामान्य आई हैं। अगर संक्रमण का खतरा नहीं नजर आएगा तो अगले सप्ताह डिस्चार्ज किया जा सकता है। ऑर्गन डोनेशन अब भी बहुत कम
नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (NOTTO) की 2023 रिपोर्ट बताती है कि पूरे देश में 1,099 ब्रेन-डेड डोनेशन हुए। जिनमें से तेलंगाना में 200, जबकि मध्यप्रदेश में सिर्फ 8 मामले सामने आए। इससे साफ है कि राज्य में ब्रेन डेड मरीज के अंगदान के प्रति जागरूकता बेहद सीमित है। हार्ट ट्रांसप्लांट के मामले में एम्स आगे, प्रदेश पीछे
नोटो की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में देशभर में 233 हार्ट ट्रांसप्लांट हुए। इनमें तमिलनाडु 70 ऑपरेशनों के साथ शीर्ष पर रहा। वहीं, मध्यप्रदेश में सिर्फ एम्स भोपाल में हर साल 1 से 2 हार्ट ट्रांसप्लांट ही हो रहे हैं। जबकि राज्य के चार अस्पतालों को इस प्रक्रिया की अनुमति मिल चुकी है। लेकिन संसाधनों, डोनर की कमी और जागरूकता के अभाव से प्रदेश इस दिशा में पिछड़ा हुआ है। यह जीवन का पुनर्जन्म
एम्स टीम के एक सीनियर डॉक्टर ने कहा कि ऐसे केस डॉक्टरों के लिए मेडिकल उपलब्धि से ज्यादा भावनात्मक जिम्मेदारी होते हैं। हर धड़कन यह बताती है कि किसी की मृत्यु किसी और की जिंदगी बन सकती है। यह भी पढ़ें… भोपाल के ऑटो ड्राइवर ने 3 जिंदगियां बचाई रविवार सुबह 4 बजे, भोपाल एम्स के तीन ऑपरेशन थिएटरों में एक साथ जिंदगी और मौत की कहानी लिखी गई। एक ओटी में डॉक्टरों ने 37 वर्षीय युवक के शरीर से दिल और किडनी निकाली, जिसकी सांसें थम चुकी हैं। जबकि सामने वाले ओटी में इन्हीं अंगों से किसी और की धड़कन और उम्मीद लौटी। पढ़ें पूरी खबर


