Winter Disease: आपने कई बार गौर किया होगा कि सर्दियों में आपको अक्सर बार-बार गले में दर्द का अनुभव होता है। हमारे घर में भी जब किसी के साथ ऐसा होता है तो हम उसे अदरक की चाय और गर्म भाप से ठीक करने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है आपके गले में होने वाला यह दर्द हर बार सामान्य वायरल संक्रमण नहीं होता है। इसको सामान्य समझकर टालने की हमारी यह आदत कई बार हमें गंभीर संक्रमण का शिकार बना सकती है। अगर आपके गले में चुभन के साथ दर्द और बुखार है, तो इसे आपको बिल्कुल भी नहीं टालना चाहिए। आइए जानते हैं कि स्ट्रेप थ्रोट क्या होता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचने के लिए हमें कौन-कौन से उपाय अपनाने चाहिए।
क्या होता है स्ट्रेप थ्रोट? (Strep Throat)
स्ट्रेप थ्रोट गले का एक संक्रमण है जो सर्दियों में ज्यादा होता है। स्ट्रेप थ्रोट गले और टॉन्सिल का एक आम बैक्टीरियल इंफेक्शन है। यह इंफेक्शन ग्रुप A स्ट्रेप्टोकोकस (S. पाइोजेन्स) की वजह से होता है। यह संक्रमण 5 से 15 साल के बच्चों और किशोरों में ज्यादा होता है। यह बड़ों में सिर्फ उनको ज्यादा प्रभावित करता है जो बच्चों के संपर्क में ज्यादा रहते हैं। इस संक्रमण का सबसे बड़ा लक्षण यह है कि इसके साथ तेज बुखार भी होता है। इस इन्फेक्शन की सबसे बड़ी बात यह है कि इसके साथ खांसी नहीं होती है। इसका यही लक्षण इसको आम संक्रमण से अलग दिखाता है।
स्ट्रेप थ्रोट के लक्षण क्या-क्या होते हैं?( Sore Throat Symptoms)
इस संक्रमण के लक्षण आमतौर पर इसके संपर्क में आने के 2 से 3 दिन बाद दिखाई देते हैं। आईये जानते हैं कि इसके अन्य शारीरिक लक्षण कौन से हैं:
- गले में तेज दर्द के साथ खराश होना।
- कुछ भी निगलते समय गले में तेज दर्द और चुभन महसूस होना।
- लाल और सूजे हुए टॉन्सिल्स।
- मुंह के ऊपरी हिस्से पर छोटे और लाल रंग के धब्बे होना।
- सर्दी के साथ 101°F (38.3°C) या उससे भी तेज बुखार आना।
- गर्दन के सामने का हिस्सा नरम और सूजा हुआ दिखाई देना।
स्ट्रेप थ्रोट से बचने के उपाय क्या-क्या हैं?( Sore Throat Prevention)
स्ट्रेप थ्रोट जैसे इन्फेक्शन के इलाज से ज्यादा जरूरी है उसका बचाव करना, क्योंकि यह स्थिति आमतौर पर बहुत ज्यादा दर्दनाक होती है। इससे बचने के लिए आप यह उपाय अपना सकते हैं:
- गर्म पानी में नमक डालकर उसके गरारे करें।
- दर्द को कम करने के लिए शहद वाली गर्म चाय पीएं।
- गंभीर स्थिति में डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी घरेलू उपाय न अपनाएं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।


