सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इंडिगो संकट पर तत्काल सुनवाई की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। देश भर में एयरलाइन को भारी व्यवधानों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण एक हफ्ते के लिए हजारों उड़ानें रद्द कर दी गईं। इंडिगो संकट पर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए अदालत ने कहा कि हम एयरलाइन नहीं चला सकते। इस मुद्दे का उल्लेख एक वकील ने किया, जिन्होंने पीठ को बताया कि बिना किसी पूर्व सूचना के उड़ानें रद्द किए जाने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने जवाब दिया कि स्थिति गंभीर है और लाखों लोग हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं लेकिन न्यायालय एयरलाइन नहीं चला सकता।
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मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि भारत सरकार ने पहले ही इस संकट का संज्ञान ले लिया है और कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि समय पर कार्रवाई की गई है। संबंधित घटनाक्रम में दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें इंडिगो एयरलाइंस द्वारा नियमों के अनियंत्रित उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। जिसमें मनमाने ढंग से रद्दीकरण, ओवरबुकिंग, यात्री अधिकारों का उल्लंघन, भेदभावपूर्ण व्यवहार और डीजीसीए अनुपालन विफलताएं शामिल हैं, जो मौजूदा विमानन संकट का कारण बनी हैं।
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हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका का उल्लेख किया गया। याचिका में इंडिगो द्वारा बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द किए जाने की स्वतंत्र न्यायिक जाँच और केंद्र को देश भर के विभिन्न हवाई अड्डों पर फंसे यात्रियों को तत्काल बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करने के निर्देश देने की माँग की गई है।


