भास्कर न्यूज | बनमा ईटहरी प्रखंड की जमालनगर पंचायत अंतर्गत प्रिय नगर गांव स्थित हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में प्रसव सुविधा बंद किए जाने के खिलाफ गुरुवार को सैकड़ों ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने प्रसूता सेवा को तत्काल बहाल करने की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2021 में तत्कालीन जिलाधिकारी कौशल कुमार के निर्देश पर आयुष्मान भारत योजना के तहत इस स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव सेवा की शुरुआत की गई थी। तब से हर महीने करीब 50 प्रसव यहां सफलतापूर्वक कराए जा रहे थे, जिससे प्रिय नगर सहित आसपास के दर्जनों गांवों की महिलाओं को सुरक्षित और सुलभ प्रसव सुविधा मिल रही थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, केंद्र में एक सीएचओ और दो एएनएम कार्यरत थीं। हाल ही में सीएचओ का ट्रांसफर हो जाने के बाद भी दो एएनएम मौजूद हैं, जिनसे सेवा जारी रखना संभव था। बावजूद इसके प्रसव सेवा बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रसव सुविधा बंद होने पर गर्भवती महिलाओं को 6-7 किलोमीटर दूर बनमा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ेगा, जो आपातकालीन स्थिति में खतरनाक भी साबित हो सकता है। विरोध प्रदर्शन में वार्ड सदस्य पप्पू पासवान, कौशल राज, गौतम कुमार, महेश कुमार भारती, रूपेश पासवान, धर्मेंद्र पासवान, सोमनी देवी, अरहुलिया देवी, मंजू देवी, सुलोचना देवी, सकुना देवी, रंजू बाला देवी, मुनिया देवी, रूबी देवी, कौशल्या देवी, शोभा देवी, अचारमैन देवी सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने शामिल होकर कहा कि यह मामला सिर्फ स्वास्थ्य सेवा का नहीं, बल्कि महिलाओं के जीवन और अधिकारों से जुड़ा हुआ है। इस बीच, स्थिति को संभालने पहुंचे प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी संतोष कुमार संत ने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ की कमी के कारण प्रिय नगर केंद्र में अस्थायी रूप से प्रसव सेवा बंद की गई है। जैसे ही स्टाफ उपलब्ध होंगे, यहां फिर से प्रसव सुविधा बहाल कर दी जाएगी। भास्कर न्यूज | बनमा ईटहरी प्रखंड की जमालनगर पंचायत अंतर्गत प्रिय नगर गांव स्थित हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में प्रसव सुविधा बंद किए जाने के खिलाफ गुरुवार को सैकड़ों ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने प्रसूता सेवा को तत्काल बहाल करने की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2021 में तत्कालीन जिलाधिकारी कौशल कुमार के निर्देश पर आयुष्मान भारत योजना के तहत इस स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव सेवा की शुरुआत की गई थी। तब से हर महीने करीब 50 प्रसव यहां सफलतापूर्वक कराए जा रहे थे, जिससे प्रिय नगर सहित आसपास के दर्जनों गांवों की महिलाओं को सुरक्षित और सुलभ प्रसव सुविधा मिल रही थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, केंद्र में एक सीएचओ और दो एएनएम कार्यरत थीं। हाल ही में सीएचओ का ट्रांसफर हो जाने के बाद भी दो एएनएम मौजूद हैं, जिनसे सेवा जारी रखना संभव था। बावजूद इसके प्रसव सेवा बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रसव सुविधा बंद होने पर गर्भवती महिलाओं को 6-7 किलोमीटर दूर बनमा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ेगा, जो आपातकालीन स्थिति में खतरनाक भी साबित हो सकता है। विरोध प्रदर्शन में वार्ड सदस्य पप्पू पासवान, कौशल राज, गौतम कुमार, महेश कुमार भारती, रूपेश पासवान, धर्मेंद्र पासवान, सोमनी देवी, अरहुलिया देवी, मंजू देवी, सुलोचना देवी, सकुना देवी, रंजू बाला देवी, मुनिया देवी, रूबी देवी, कौशल्या देवी, शोभा देवी, अचारमैन देवी सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने शामिल होकर कहा कि यह मामला सिर्फ स्वास्थ्य सेवा का नहीं, बल्कि महिलाओं के जीवन और अधिकारों से जुड़ा हुआ है। इस बीच, स्थिति को संभालने पहुंचे प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी संतोष कुमार संत ने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ की कमी के कारण प्रिय नगर केंद्र में अस्थायी रूप से प्रसव सेवा बंद की गई है। जैसे ही स्टाफ उपलब्ध होंगे, यहां फिर से प्रसव सुविधा बहाल कर दी जाएगी।


