Video: कैसे भारतीय छात्र को रूस ने अपनी सेना में जबरन कराया शामिल? यूक्रेन में पकड़े गए गुजरात के युवक ने सबकुछ बताया

Video: कैसे भारतीय छात्र को रूस ने अपनी सेना में जबरन कराया शामिल? यूक्रेन में पकड़े गए गुजरात के युवक ने सबकुछ बताया

गुजरात के एक छात्र ने यूक्रेन से एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उसने लोगों से अनुरोध किया है कि वह किसी भी हालत में रूसी सेना में शामिल न हों। वह स्टूडेंट वीजा पर पढ़ाई करने रूस गया था।

छात्र ने बताया कि यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद उसे एक झूठे दर्ज केस में फंसाकर ब्लैकमेल किया गया। इसके बाद, छात्र को जबरन रूसी सेना में काम करने के लिए दबाव बनाया गया।

यूक्रेनी सेना के गिरफ्तार में छात्र

छात्र का नाम साहिल मोहम्मद हुसैन बताया जा रहा है। वह फिलहाल यूक्रेन में है, जहां यूक्रेनी सेना ने उसे पकड़े जाने के बाद बंधक बनाया है। यूक्रेन के अधिकारियों ने साहिल का वीडियो शेयर किया है।

साहिल गुजरात के मोरबी का निवासी बताया जा रहा है। वीडियो में उसने भारत सरकार से उसे घर वापस लाने में मदद करने की अपील की है। ​​उसने बताया कि वह रूस में पढ़ाई के साथ-साथ एक कूरियर फर्म में पार्ट टाइम जॉब कर रहा था।

झूठे ड्रग्स केस में फंसाने का दावा

साहिल ने आरोप लगाया कि रूस में पुलिस ने उसे झूठे ड्रग्स केस में फंसाया। इसके बाद, उससे यह कहा गया कि अगर वह रूसी सेना में काम करेगा तो केस खत्म कर दिया जाएगा।

वीडियो में साहिल ने यह भी कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कुछ ही दिनों पहले भारत आए थे। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वे मेरी सुरक्षित घर वापसी के लिए पुतिन से बात करें।

सेना में भेजने से पहले दी गई ट्रेनिंग

वहीं, एक अन्य वीडियो में साहिल ने कहा कि उसने झूठे ड्रग्स केस से छुटकारा पाने के लिए रूस की बात मान ली थी उसने यह भी बताया कि उसे 15 दिन की ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद उसे यूक्रेन सेना के साथ लड़ने के लिए भेज दिया गया।

हुसैन ने बताया कि फ्रंटलाइन पर पहुंचने के बाद उसने यूक्रेनी सेना के सामने सरेंडर कर दिया। यूक्रेनी सेना ने ये वीडियो गुजरात में उनकी मां को भेजे हैं। साथ ही उनसे भारतीयों को रूसी सेना में शामिल होने के धोखे के बारे में जागरूकता फैलाने को कहा है।

दिल्ली की अदालत में याचिका दर्ज

साहिल की मां ने अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की है। अगली सुनवाई फरवरी में है।

उधर, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 5 दिसंबर को कहा था कि भारत अपने उन नागरिकों की रिहाई के लिए गंभीरता से काम कर रहा है जो रूसी सशस्त्र बलों में शामिल हो गए हैं, साथ ही आगे की भर्ती को रोकने के लिए सावधानी बरतने का आग्रह किया है।

2022 से जारी है युद्ध

रूस ने 2022 में यूक्रेन पर हमला कर दिया था। इस आक्रमण को व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को डिमिलिट्रीज और डीनाजिफाई करने के लिए एक विशेष सैन्य अभियान बताया था। इस हमले के बाद, यूक्रेन ने मार्शल लॉ घोषित कर दिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *