नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वैभव को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान किया। यह सम्मान उन्हें खेल क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला। समारोह के बाद वैभव सहित अन्य विजेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का अवसर भी मिला।
Vaibhav Suryavanshi, Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar 2025: महज 14 साल की उम्र में बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने साबित कर दिया कि प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। इस युवा क्रिकेटर ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से क्रिकेट जगत में धमाल मचा दिया है। सूर्यवंशी की इन असाधारण उपलब्धियों के लिए अब उन्हें देश के सर्वोच्च बाल सम्मान से नवाजा गया है।
वैभव को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा गया
26 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वैभव को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान किया। यह सम्मान उन्हें खेल क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला। समारोह के बाद वैभव सहित अन्य विजेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का अवसर भी मिला। इस उपलब्धि के कारण वैभव बिहार की विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 के दूसरे राउंड मैच में नहीं खेल सके।
वैभव ने विजय हजारे ट्रॉफी में ठोका सबसे तेज शतक
वैभव को यह पुरस्कार उनके लगातार शानदार प्रदर्शन के लिए दिया गया है। विजय हजारे ट्रॉफी के पहले मैच में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ उन्होंने मात्र 84 गेंदों में 190 रन की तूफानी पारी खेली, जिसमें 16 चौके और 15 छक्के शामिल थे। इस दौरान उन्होंने मात्र 36 गेंद पर शतक ठोक दिया। इस पारी की बदौलत उन्होंने लिस्ट-A क्रिकेट में कई विश्व रिकॉर्ड तोड़े, जिसमें सबसे कम उम्र में शतक और सबसे तेज 150 रन बनाने का रिकॉर्ड शामिल हैं। बिहार ने उस मैच में 574 का स्कोर बनाया था। यह वनडे क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर था।
क्यों दिया जाता है राष्ट्रीय बाल पुरस्कार?
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार देश का सबसे प्रतिष्ठित बाल सम्मान है, जो 5 से 18 वर्ष के बच्चों को साहस, कला-संस्कृति, खेल, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, नवाचार, सामाजिक सेवा और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार मेडल, नकद राशि, प्रमाणपत्र और किताब वाउचर के साथ मिलता है। विजेताओं को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने और दिल्ली दर्शन का मौका भी मिलता है। इस सम्मान से उभरती प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन और पहचान मिलती है।
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