जयपुर की फैक्ट्री में मशीनों से बनाते थे नकली घी:पुलिस ने छापेमारी कर 4 बदमाश पकड़े, बोले- रोज 2 हजार लीटर नकली घी बनाकर बेचते थे

जयपुर की फैक्ट्री में मशीनों से बनाते थे नकली घी:पुलिस ने छापेमारी कर 4 बदमाश पकड़े, बोले- रोज 2 हजार लीटर नकली घी बनाकर बेचते थे

जयपुर पुलिस ने नकली घी बनाने की एक फैक्ट्री पर शनिवार शाम छापेमारी की। फैक्ट्री में दबिश देकर चार बदमाशों को पकड़ा गया। जिसके कब्जे से बड़ी मात्रा में नकली घी, कच्चा माल व पैकिंग मैटीरियल और घी बनाने की मशीन को जब्त किया गया है। पूछताछ में आरोपी बोले- रोज 2 हजार लीटर नकली घी बनाकर बाजारों में बेचते थे। खोरा बीसल थाना पुलिस गिरफ्तार बदमाशों से पूछताछ करने के साथ ही मुख्य आरोपी की तलाश में दबिश दे रही है। डीसीपी (ईस्ट) हनुमान प्रसाद ने बताया- नकली घी मामले में आरोपी राजेन्द्र कुमार गुप्ता (55) निवासी मथुरा उत्तर प्रदेश हाल सूर्यनगर बैनाड़ रोड खोरा बीसल, अनिल जोशी (29) निवासी झांसी ग्वालियर मध्य प्रदेश हाल दुर्गा विहार कॉलोनी नांगल जैसा बोहरा खोरा बीसल, भूपेन्द्र उर्फ रुपेंद्र शर्मा (30) निवासी ग्वालियर मध्य प्रदेश हाल नाड़ी का फाटक खोरा बीसल और जगदीश शर्मा (44) निवासी दादी का फाटक झोटवाड़ा खोरा बीसल को अरेस्ट किया है। शनिवार शाम डीएसटी के कॉन्स्टेबल राकेश कुमार को सरना डूंगर फैक्ट्री एरिया में नकली घी बनाने की फैक्ट्री चलने की सूचना मिली। खोरा बीसल पुलिस ने डीएसटी के साथ मिलकर फैक्ट्री पर छापेमारी की। दबिश देकर फैक्ट्री में काम करते मिले चारों आरोपियों को पकड़ा गया। पुलिस टीम को रेड के दौरान फैक्ट्री में 7 हजार 500 KG नकली घी, 6 हजार रैपर, इलेक्ट्रॉनिक कांटा और नकली घी बनाने का मशीन आदि सामान मिला। नकली घी तैयार कर नामी कम्पनियां (सरस, लोट्स, कृष्णा, अमूल व महान आदि) नाम के 15 KG, 1KG और 500 ग्राम के डिब्बों में पैकिंग कर बाजारों में सप्लाई करते थे। पुलिस नकली घी गैंग के मुख्य सरगना विरेन्द्र शर्मा की तलाश में दबिश दे रही है। फैक्ट्री में छिपे थे सभी राज
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया- फैक्ट्री में वनस्पति व रिफाइंड सोयाबीन ऑयल को गर्म करके उसमें एसेंस मिलाकर घी तैयार किया जाता है। नकली घी को ज्यादा प्रॉफिट कमाने व उक्त माल मार्केट में जल्दी बिकने के कारण नामी घी कम्पनियां सरस, लोट्स, अमूल, कृष्णा व मकान के नाम के डिब्बों-पीपों में पैकिंग कर बाजारों में बेचना बताया। किसी को शक नहीं हो इस कारण फैक्ट्री के अंदर खुद के वाहन खड़े करे बाहर से शटर लगाकर अंदर नकली घी बनाते थे। वेस्टेज रैपर व अन्य सामान को फैक्ट्री के अंदर भट्टी में जलाकर नष्ट कर देते थे, जिससे बाहर किसी को पता नहीं चल सके। पूछताछ में प्रति दिन करीब 2 हजार लीटर नकली घी बनना बताया। फैक्ट्री के अंदर ही वाहन लगाकर बाजार में दुकानदारों को सप्लाई करते थे।

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