एडुटेक कंपनी Unacademy अब मर्जर और एक्विजिशन के विकल्प तलाश रही है। कंपनी के को-फाउंडर गौरव मुंजाल ने कहा है कि वो कंपनी बेचने की तैयारी कर रहे हैं। Unacademy की शुरुआत एक यूट्यूब चैनल से हुई थी। 2015 में इसका प्लेटफॉर्म लॉन्च हुआ था। 2021 में इसकी वैल्यूशन 29,050 करोड़ रुपए थी जो अब 4,150 करोड़ रुपए से भी कम है। Unacademy एक समय भारत की सबसे मशहूर edtech कंपनियों में से एक हुआ करती थी। साल 2020 में इस प्लेटफॅार्म ने यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया था। एक पोस्ट में मुंजाल ने कहा की अब Unacademy की वैल्यूएशन 500 डॉलर मिलियन से भी कम हो सकती है। यानी कोरोना एपिडेमिक के समय की अपनी सबसे ज्यादा वैल्यूएशन से लगभग 85 प्रतिशत से कम हैं। कंपनी इस समय बड़े स्तर पर बदलाव (reset) से गुजर रही है। गौरव मुंजाल Unacademy वैल्यूएशन में गिरावट के 4 कारण मानते हैं कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी को इंटरनल और ऑपरेशनल समस्याओं का भी सामना करना पड़ा। कई बड़े लीडर्स के जाने और खर्च कम करने के लिए बार-बार बड़े पैमाने पर छंटनी की गई, जिससे कंपनी की टीम 60 प्रतिशत से ज्यादा घट गई। इसके साथ ही कई शिक्षकों ने प्लेटफॉर्म छोड़ दिया। 10 दिसंबर 2015 को Unacademy बनी Unacademy की शुरुआत 2010 में गौरव मुंजल ने की थी। उन्होंने कॉलेज में पढ़ते हुए अपने दोस्तों को कंप्यूटर साइंस समझाने के लिए एक यूट्यूब चैनल बनाया। 2014 में उनके दोस्त रोमन UPSC क्रैक करके IAS बने। तब गौरव और रोमन Unacademy पर कम्पटीशन एगजाम की तैयारियों वाले वीडियो अपलोड करते थे। तब Unacademy के 24,000 सब्सक्राइबर थे। रोमन के UPSC वाले वीडियो लाखों-करोड़ों बार देखे गए और देखते ही देखते यह चैनल देश का सबसे बड़ा एजुकेशन डेस्टिनेशन बन गया। 10 दिसंबर 2015 को Unacademy को कंपनी के तौर पर लॉन्च किया गया। जिसका मकसद एक टेक-फर्स्ट शिक्षा प्लेटफॉर्म तैयार करना था। 2015 से 2019 के बीच कंपनी ने बिना भारी मार्केटिंग खर्च के जबरदस्त ग्रोथ हासिल की। 2019 में सब्सक्रिप्शन मॉडल शुरू 2019 में कंपनी ने सब्सक्रिप्शन मॉडल पर लाइव क्लासेज शुरू कीं और यहीं से कंपनी ग्रोथ करने लगी। जनवरी 2019 में जहां कंपनी की कमाई शून्य थी, वहीं सितंबर तक यह 1.8 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई। 2020 तक लगभग दस लाख पेइंग सब्सक्राइबर हो गए, कई बड़े फंडिंग राउंड हासिल हुए और कंपनी 1.5 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन के साथ यूनिकॉर्न बन गई। 2021 में यह आंकड़ा 700 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग तक जा पहुंचा। 2022 में कंपनी ने री-स्ट्रक्चरिंग शुरू की 2022 में कंपनी ने बड़े पैमाने पर री-स्ट्रक्चरिंग शुरू की। सालाना खर्च 1,400 करोड़ रुपए से घटाकर 2025 तक 175 करोड़ रुपए से भी कम कर दिए गए। कंपनी ने सब्सक्रिप्शन के दाम कम किए, यूट्यूब पर अपनी मौजूदगी फिर से मजबूत की। और वापस उसी प्लेबुक पर लौटी, जिसमें हाई क्वालिटी वाला कंटेंट बनाना और सब्सक्रिप्शन बेचकर कमाई करना शामिल था। 2024 में वैल्यूएशन में गिरावट शुरू हुई सॅाफ्टबैंक ने साल 2020 में 150 मिलियन डॉलर Unacademy कंपनी में निवेश किया था। निवेश से इसकी वैल्यूएशन 1.45 बिलियन डॉलर पहुंच गई थी। अगस्त 2021 तक यह बढ़कर 3.44 बिलियन डॉलर के टॉप पर पहुंच गई। साल 2021 में Series H फंडिंग से कंपनी ने 440 मिलियन डॉलर जुटाए थे। लेकिन 2024 के आखिर तक Unacademy की वैल्यूएशन गिरकर करीब 800 मिलियन डॉलर के आसपास आ गई। Temasek Holdings से 440 मिलियन डॉलर जुटाए Unacademy ने 2021 में सिंगापुर की Temasek Holdings से फंडिंग राउंड में 440 मिलियन डॉलर जुटाए थे, जिसमें कंपनी की वैल्यूएशन 3.4 बिलियन डॉलर लगाई गई थी। 24 सितंबर 2025 को को-फाउंडर सुमित जैन को टेस्ट-प्रेप बिजनेस का CEO बनाया गया। साल 2024 में Unacademy कोटा की Allen Career Institute के साथ डील की बातचीत भी चल रही थी। इसमें कंपनी की कीमत करीब 800 मिलियन डॉलर लगाई गई थी। यह 3.4 बिलियन डॉलर की पीक वैल्यूएशन से 75% कम था, लेकिन कीमत पर सहमति न बनने की वजह से यह डील टूट गई। 10 साल पूरे होने पर कहा- मर्जर की तैयारी कर रहे गौरव मुंजाल ने बुधवार (10 दिसंबर 2025) को कन्फर्म किया कि कंपनी फिलहाल मर्जर और अधिग्रहण (MA) को लेकर बातचीत कर रही है। उन्होंने साफ कहा कि डील तभी होगी जब दोनों पक्षों के लिए फायदे की हो और उससे एक मजबूत संयुक्त कंपनी बन सके। यह बयान Unacademy के लॉन्च के 10 साल पूरे होने पर उन्होंने X पर एक लंबी पोस्ट में दिया। Unacademy ने 10 करोड़ स्टूडेंट्स को पढ़ाया इस बीच खबरें हैं कि अपग्रेड (upGrad) Unacademy को 300–320 मिलियन डॉलर की वैल्यूएशन पर खरीदने की बातचीत कर रहा है। यह वैल्यूएशन 2021 की 3.5 बिलियन डॉलर वाली पीक वैल्यूएशन से लगभग 90% कम है। 2024 तक Unacademy ने 10 करोड़ से ज्यादा स्टूडेंट्स को पढ़ाया है और 60,000 से भी ज्यादा टीचर्स के साथ काम किया है। कंपनी ने PrepLadder, Relevel, Graphy और Spayee जैसी दूसरी कंपनियां भी खरीदी हैं। स्टोरी – किशन कुमार ———————– ये खबरें भी पढ़ें… UGC, AICTE, NCTE को मिलाकर होगा एक बोर्ड: केंद्रीय कैबिनेट ने ‘विकसित भारत शिक्षा अधिक्षण बिल’ को मंजूरी दी, मेडिकल-लॉ स्टडीज पर लागू नहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को ‘विकसित भारत शिक्षा अधीक्षण विधेयक’ को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब हायर एजुकेशन के लिए देश में एक बोर्ड होगा और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) जैसे पुराने नियामकों को एक कर दिया जाएगा। हालांकि, मेडिकल और लॉ स्टडीज इसके दायरे से बाहर रहेंगी। पूरी खबर पढ़ें…
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