शिवहर में दो दिवसीय कृषि मेल संपन्न:किसानों को स्ट्रॉबेरी के पौधे दिए गए, उन्नत खेती पर की चर्चा

शिवहर में दो दिवसीय कृषि मेल संपन्न:किसानों को स्ट्रॉबेरी के पौधे दिए गए, उन्नत खेती पर की चर्चा

शिवहर के संयुक्त कृषि भवन परिसर में शनिवार को दो दिवसीय किसान मेला सह-प्रदर्शनी का आयोजन सम्पन्न हुआ। मेले के दूसरे दिन जिला परिषद की पूर्व उपाध्यक्ष व सदस्य पार्वती देवी ने लगभग 1000 किसानों को स्ट्रॉबेरी के पौधे वितरित किए। उन्होंने इस अवसर पर स्ट्रॉबेरी की उन्नत खेती के तरीकों पर भी चर्चा की। इस कार्यक्रम में जिला कृषि पदाधिकारी प्रीति कुमारी भी उपस्थित थीं। उन्होंने किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कृषि योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। जिला कृषि पदाधिकारी ने मेले में लगाए गए स्टॉलों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और किसानों को अपनी खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती के महत्व पर प्रकाश डाला। स्ट्रॉबेरी शीतोष्ण जलवायु में उगने वाला रोजेसी कुल का एक पौधा है। इसका फल अत्यंत नाजुक होता है, इसलिए गुणवत्तापूर्ण और अधिक उत्पादन के लिए टपक सिंचाई विधि का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। यह फल पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है और इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी अधिक होती है। स्ट्रॉबेरी के नियमित सेवन से एनीमिया, डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग और गुर्दे संबंधी बीमारियों को नियंत्रित करने में सहायता मिल सकती है। दो दिवसीय इस कृषि मेला सह-प्रदर्शनी में प्रगतिशील किसानों ने भी अपनी उपज और आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि इस कृषि मेला सह-प्रदर्शनी का उद्घाटन पहले दिन विधायक डॉ. श्वेता गुप्ता ने किया था। शिवहर के संयुक्त कृषि भवन परिसर में शनिवार को दो दिवसीय किसान मेला सह-प्रदर्शनी का आयोजन सम्पन्न हुआ। मेले के दूसरे दिन जिला परिषद की पूर्व उपाध्यक्ष व सदस्य पार्वती देवी ने लगभग 1000 किसानों को स्ट्रॉबेरी के पौधे वितरित किए। उन्होंने इस अवसर पर स्ट्रॉबेरी की उन्नत खेती के तरीकों पर भी चर्चा की। इस कार्यक्रम में जिला कृषि पदाधिकारी प्रीति कुमारी भी उपस्थित थीं। उन्होंने किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कृषि योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। जिला कृषि पदाधिकारी ने मेले में लगाए गए स्टॉलों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और किसानों को अपनी खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती के महत्व पर प्रकाश डाला। स्ट्रॉबेरी शीतोष्ण जलवायु में उगने वाला रोजेसी कुल का एक पौधा है। इसका फल अत्यंत नाजुक होता है, इसलिए गुणवत्तापूर्ण और अधिक उत्पादन के लिए टपक सिंचाई विधि का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। यह फल पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है और इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी अधिक होती है। स्ट्रॉबेरी के नियमित सेवन से एनीमिया, डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग और गुर्दे संबंधी बीमारियों को नियंत्रित करने में सहायता मिल सकती है। दो दिवसीय इस कृषि मेला सह-प्रदर्शनी में प्रगतिशील किसानों ने भी अपनी उपज और आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि इस कृषि मेला सह-प्रदर्शनी का उद्घाटन पहले दिन विधायक डॉ. श्वेता गुप्ता ने किया था।  

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