गुमला में पैंगोलिन की खाल के साथ दो गिरफ्तार:WCCB ने अंतरराज्यीय तस्करी गिरोह का किया भंडाफोड़

गुमला में पैंगोलिन की खाल के साथ दो गिरफ्तार:WCCB ने अंतरराज्यीय तस्करी गिरोह का किया भंडाफोड़

गुमला जिले में वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दुर्लभ पैंगोलिन की खाल की तस्करी का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में दो लोगों को 6.5 किलोग्राम पैंगोलिन की खाल के साथ गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह अंतरराज्यीय तस्करी में शामिल बताया जा रहा है। कुरुमगढ़ वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी जगदीश राम ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर क्यूआरटी टीम ने रायडीह के मरियम टोली के पास छापेमारी की। इस दौरान तस्करी के उद्देश्य से ले जाई जा रही पैंगोलिन की खाल के साथ दो अभियुक्तों को रंगे हाथ पकड़ा गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के सोगड़ा निवासी रामेश्वर राम और गुमला के सिसई निवासी मानसुर अंसारी के रूप में हुई है। बाजार में इस पैंगोलिन की खाल की कीमत लाखों रुपए आंकी गई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह मामला केवल स्थानीय नहीं, बल्कि एक बड़े अंतरराज्यीय और संभवतः अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है। WCCB का अनुमान है कि यह खाल गुमला के कुरुमगढ़ वन क्षेत्र या छत्तीसगढ़ के जंगलों से लाई गई थी। वन प्रमंडल पदाधिकारी अहमद बिलाल अख्तर ने बताया कि पैंगोलिन IUCN की रेड लिस्ट में ‘अत्यंत संकटग्रस्त’ प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध है। इसके शिकार और व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध है। दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और इस तस्करी नेटवर्क की गहन जांच जारी है। गुमला जिले में वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दुर्लभ पैंगोलिन की खाल की तस्करी का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में दो लोगों को 6.5 किलोग्राम पैंगोलिन की खाल के साथ गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह अंतरराज्यीय तस्करी में शामिल बताया जा रहा है। कुरुमगढ़ वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी जगदीश राम ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर क्यूआरटी टीम ने रायडीह के मरियम टोली के पास छापेमारी की। इस दौरान तस्करी के उद्देश्य से ले जाई जा रही पैंगोलिन की खाल के साथ दो अभियुक्तों को रंगे हाथ पकड़ा गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के सोगड़ा निवासी रामेश्वर राम और गुमला के सिसई निवासी मानसुर अंसारी के रूप में हुई है। बाजार में इस पैंगोलिन की खाल की कीमत लाखों रुपए आंकी गई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह मामला केवल स्थानीय नहीं, बल्कि एक बड़े अंतरराज्यीय और संभवतः अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है। WCCB का अनुमान है कि यह खाल गुमला के कुरुमगढ़ वन क्षेत्र या छत्तीसगढ़ के जंगलों से लाई गई थी। वन प्रमंडल पदाधिकारी अहमद बिलाल अख्तर ने बताया कि पैंगोलिन IUCN की रेड लिस्ट में ‘अत्यंत संकटग्रस्त’ प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध है। इसके शिकार और व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध है। दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और इस तस्करी नेटवर्क की गहन जांच जारी है।  

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