औरैया पुलिस ने एक साजिश का खुलासा करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इन अभियुक्तों ने विपक्षी पक्ष को झूठे केस में फंसाने के लिए खुद पर हमला करवाया था। आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से अपने ही साथी के हाथ में गोली मरवाई और गांव के निर्दोष लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था। यह मामला 17 दिसंबर 2025 का है, जब थाना अछल्दा क्षेत्र के ग्राम वैसोली के पास शिवम उर्फ मनु चौहान को गोली लगने की सूचना मिली थी।घायल शिवम ने पुलिस को बताया था कि गांव के अमन,विकास,हर्षित और सौरभ ने उसे जान से मारने की नीयत से गोली मारी है। पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। हालांकि, शुरुआती जांच में ही पुलिस को शिवम के बयानों और घटनास्थल की परिस्थितियों पर संदेह होने लगा। पुलिस की सतर्कता और वैज्ञानिक जांच ने इस पूरी साजिश का पर्दाफाश किया। पुलिस पूछताछ में एक महत्वपूर्ण खुलासा हुआ। मुख्य अभियुक्त नौनिहाल उर्फ नीटू ने कबूल किया कि उनका साथी मोनू चौहान पहले से ही एक पुराने गोलीकांड के मामले में जेल में बंद है। विपक्षी पक्ष समझौते के लिए तैयार नहीं था, इसलिए मोनू चौहान ने जेल से ही यह योजना सुझाई थी। योजना के अनुसार, खुद को गोली मारकर विपक्षियों का नाम लेने से उन पर दबाव बनेगा और वे पुराने केस में समझौते के लिए मजबूर हो जाएंगे। इसी योजना के तहत 17 दिसंबर को नौनिहाल ने शिवम के बाएं हाथ पर अवैध तमंचे से गोली मारी और चार निर्दोष लोगों के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करा दी। अपर पुलिस महानिदेशक कानपुर और पुलिस अधीक्षक औरैया के निर्देशन में थाना अछल्दा, एसओजी और सर्विलांस की संयुक्त टीम ने मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी की। शुक्रवार को रेलवे अंडरपास के पास से अभियुक्त नौनिहाल और शिवम को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने अब इस मामले में झूठी सूचना देने और साजिश रचने के तहत धाराओं में बदलाव किया है। इन अभियुक्तों पर बीएनएस की धारा 217, 229, 231, 109(1), 61(2) और 3/25/27 आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। पकड़े गए दोनों अभियुक्तों का पुराना आपराधिक इतिहास भी रहा है। इस सफल अनावरण में थानाध्यक्ष अछल्दा पंकज मिश्रा, सर्विलांस प्रभारी समित चौधरी, स्वाट टीम प्रभारी प्रशांत सिंह और उनकी टीम की मुख्य भूमिका रही।


