ट्रंप का रूस-यूक्रेन युद्ध ‘फ्रीज’ प्लान: ‘पॉज’ बटन से किसे फायदा, किसे हानि ? जमीन का खेल बदल जाएगा !

ट्रंप का रूस-यूक्रेन युद्ध ‘फ्रीज’ प्लान: ‘पॉज’ बटन से किसे फायदा, किसे हानि ? जमीन का खेल बदल जाएगा !

Trump Ukraine war freeze: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) ने रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म (Trump Ukraine freeze) करने के लिए एक नया विचार पेश किया है। उनका कहना है कि लड़ाई जहां चल रही है, वही मोर्चा रेखा युद्धविराम का आधार बने। ट्रंप (Trump Ukraine war freeze) ने एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “वे बाद में बातचीत कर सकते हैं, लेकिन अभी लड़ाई की लाइन पर ही रुकें और कटौती करें।” यह प्रस्ताव ट्रंप के चुनावी वादे से अलग है, जहां उन्होंने 24 घंटे में युद्ध खत्म करने का दावा किया था। अब चार साल से ज्यादा चले इस संघर्ष में रूस ने यूक्रेन (Russia Ukraine frontline) के चार मुख्य प्रांतों – डोनेट्स्क, लुगांस्क, खेरसॉन और जापोरिजिया – के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा लिया है। जापोरिजिया जैसे औद्योगिक इलाके, जहां इस्पात, एल्युमिनियम और यूरोप का सबसे बड़ा न्यूक्लियर प्लांट रूस के नियंत्रण में हैं। ट्रंप का मानना है कि 78 फीसदी जमीन रूस ने पहले ही हथिया ली है, तो इसे यथावत रख कर आगे की डील हो सकती है, लेकिन क्या यह योजना काम करेगी, या यह सिर्फ अस्थायी राहत है ?

यूक्रेन और यूरोप की हामी ‘अच्छा समझौता’ लेकिन शर्तों के साथ

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने ट्रंप के इस आइडिया को सराहा है। उन्होंने कहा, “यह एक अच्छा समझौता है, जहां हम जहां हैं वहीं रहें और बातचीत शुरू करें।” यूरोपीय नेताओं ने भी मंगलवार को एक संयुक्त बयान जारी कर इसकी ‘दृढ़’ समर्थन किया। बयान में कहा गया कि वर्तमान संपर्क रेखा ही वार्ता का शुरुआती बिंदु हो। पहले यूक्रेन सभी कब्जे वाली जमीन वापस लेने पर अड़े थे, लेकिन अब सैन्य रूप से पूरी जीत मुश्किल लग रही है। जेलेंस्की ने नॉर्डिक देशों के दौरे पर पत्रकारों से कहा कि पुतिन शायद इसे न मानें, लेकिन यह एक कदम है। यूरोप के पांच बड़े देशों के नेता भी सहमत हैं कि तत्काल लड़ाई रुकनी चाहिए। हालांकि, ट्रंप ने पहले जेलेंस्की से डोनबास पूरे क्षेत्र को सौंपने की सलाह दी थी, लेकिन बाद में पीछे हट गए। अगस्त में अलास्का में पुतिन से मिलने पर ट्रंप ने ‘जमीन का आदान-प्रदान’ करने की बात कही, लेकिन सितंबर में यू-टर्न ले लिया और कहा कि यूक्रेन क्रीमिया समेत सब वापस ले सकता है। यह बदलाव यूक्रेन को सांस दे सकता है, लेकिन लंबे समय के लिए सुरक्षा गारंटी की जरूरत होगी।

रूस का सख्त रुख: ‘स्थायी शांति नहीं, तत्काल विराम नहीं’

रूस ने ट्रंप के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, “हम लंबी शांति चाहते हैं, न कि ऐसा युद्धविराम, जो कहीं न ले जाए।” क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने स्पष्ट किया कि रूस की मांगें वही हैं – पूर्वी क्षेत्रों से यूक्रेनी सेना की पूरी वापसी और ‘मूल कारणों’ का समाधान, जैसे यूक्रेन की तटस्थता और रूसी भाषियों के अधिकार। रूस ने अमेरिका को निजी पत्र भेजकर पूरे डोनबास पर कब्जे की मांग दोहराई, न कि सिर्फ कब्जे वाले हिस्सों पर। इससे ट्रंप-पुतिन की बुडापेस्ट बैठक स्थगित हो गई। ट्रंप ने कहा, “मैं व्यर्थ की बैठक नहीं चाहता।” रूस का तर्क है कि युद्धविराम यूक्रेन को हथियार जुटाने का मौका देगा, जबकि वे अभी आगे बढ़ रहे हैं। खार्किव प्रांत के छोटे हिस्से पर भी रूस का कंट्रोल है। अगर फ्रीज हुआ, तो रूस को जमीन मिल जाएगी, लेकिन वे और ज्यादा चाहते हैं।

अगर युद्ध रुक गया तो किसे क्या फायदा-नुकसान ?

ट्रंप का प्लान अगर लागू हुआ, तो रूस को सबसे बड़ा लाभ मिलेगा – कब्जे वाली 78 फीसदी जमीन पर स्थायी दावा। इससे पुतिन घरेलू समर्थन मजबूत कर सकेंगे, क्योंकि वे ‘विजयी’ दिखेंगे। यूक्रेन को तत्काल राहत मिलेगी – सेना को पुनर्गठन का समय मिलेगा, नागरिकों की जान बचेगी, लेकिन जमीन का नुकसान लंबे समय तक दर्द देगा। जेलेंस्की सरकार पर दबाव बढ़ेगा कि क्या यह ‘समझौता’ स्वीकार करें। यूरोप को ऊर्जा संकट से निजात मिल सकती है, लेकिन रूस को मजबूत करने का डर रहेगा। अमेरिका के लिए यह ट्रंप की ‘डीलमेकर’ इमेज बनेगी, लेकिन सहयोगियों से दूरी बढ़ सकती है। कुल मिला कर, यह फ्रीज स्थायी शांति नहीं लाएगा, बल्कि तनाव को टाल सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि बिना मजबूत गारंटी के युद्ध फिर भड़क सकता है।

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