Transgender Unique Protest: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लखनऊ दौरे के दौरान सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर एक अप्रत्याशित और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। शहर के प्रमुख पर्यटन स्थल बड़ा इमामबाड़ा के पास ट्रैफिक जाम से परेशान एक किन्नर ने सड़क पर कपड़े उतारकर विरोध दर्ज कराया। इस पूरी घटना का वीडियो मौके पर मौजूद लोगों ने बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

ट्रैफिक व्यवस्था बनी परेशानी की जड़
प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर राजधानी लखनऊ में व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। वीवीआईपी मूवमेंट के चलते कई प्रमुख मार्गों पर यातायात को पूरी तरह या आंशिक रूप से रोक दिया गया था। बड़ा इमामबाड़ा, चौक, हजरतगंज और आसपास के इलाकों में लंबे समय तक जाम की स्थिति बनी रही। इसी ट्रैफिक जाम में फंसे एक किन्नर का सब्र जवाब दे गया और उसने विरोध का ऐसा तरीका अपनाया, जिसने सभी को हैरान कर दिया।
बड़ा इमामबाड़ा के पास हुआ घटनाक्रम
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, किन्नर काफी देर से जाम में फंसा हुआ था। बार-बार प्रशासन और पुलिस से रास्ता खुलवाने की गुहार लगाने के बावजूद जब कोई समाधान नहीं निकला, तो गुस्से और हताशा में उसने सड़क पर ही कपड़े उतार दिए। यह दृश्य कुछ ही पलों में लोगों के मोबाइल कैमरों में कैद हो गया। घटना के दौरान सड़क पर मौजूद लोग पहले तो सकते में आ गए, बाद में पुलिस ने हस्तक्षेप कर स्थिति को संभाला और किन्नर को वहां से हटाया। हालांकि, तब तक वीडियो सोशल मीडिया पर पहुंच चुका था।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कुछ लोग इस घटना को प्रशासन की नाकामी बता रहे हैं, तो कुछ इसे विरोध का अनुचित तरीका कह रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “वीआईपी मूवमेंट के नाम पर आम जनता को घंटों परेशान किया जाता है, यही उसका नतीजा है।” वहीं दूसरे यूजर ने टिप्पणी की, “विरोध जायज हो सकता है, लेकिन तरीका मर्यादित होना चाहिए।”
प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल
यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि क्या वीवीआईपी कार्यक्रमों के दौरान आम जनता की परेशानियों को नजरअंदाज कर दिया जाता है? प्रधानमंत्री जैसे बड़े नेता के दौरे में सुरक्षा सर्वोपरि होती है, लेकिन ट्रैफिक प्रबंधन की जिम्मेदारी भी उतनी ही अहम होती है। घंटों जाम में फंसे लोग, मरीज, बुजुर्ग और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए निकलने वाले नागरिक इस अव्यवस्था से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर पूर्व-योजना, वैकल्पिक मार्गों की स्पष्ट जानकारी और समयबद्ध यातायात नियंत्रण से ऐसी स्थितियों से बचा जा सकता है।
किन्नर समुदाय की पीड़ा भी आई सामने
इस घटना ने किन्नर समुदाय की सामाजिक स्थिति और उनकी समस्याओं को भी एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। अक्सर हाशिए पर रहने वाला यह समुदाय प्रशासन और समाज दोनों से उपेक्षा का आरोप लगाता रहा है। हालांकि इस मामले में विरोध का तरीका विवादास्पद रहा, लेकिन यह भी सच है कि लंबे समय तक जाम में फंसे रहने से मानसिक तनाव किसी को भी असामान्य प्रतिक्रिया के लिए मजबूर कर सकता है।

पुलिस की भूमिका
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता थी और किसी भी अप्रिय स्थिति को फैलने से पहले ही संभाल लिया गया।
हालांकि, वायरल वीडियो के बाद यह सवाल जरूर उठ रहा है कि क्या पहले ही जाम को नियंत्रित किया जाता तो यह स्थिति पैदा ही नहीं होती।


