रामनगर में बाघ के पैर के निशान मिले:गुदगुद्दी पंचायत के आदिवासी टोला में दहशत, वन विभाग ने ट्रैकिंग शुरू की

रामनगर में बाघ के पैर के निशान मिले:गुदगुद्दी पंचायत के आदिवासी टोला में दहशत, वन विभाग ने ट्रैकिंग शुरू की

बेतिया जिले के रामनगर प्रखंड की गुदगुद्दी पंचायत के आदिवासी टोला से सटे एक गेहूं के खेत में शुक्रवार को बाघ के पगमार्क मिले हैं। इससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। सूचना मिलते ही वन विभाग ने ट्रैकिंग शुरू कर दी है। गुदगुद्दी गांव के आदिवासी टोला के पूर्वोत्तर हिस्से में स्थित इस खेत में सिंचाई के कारण नमी थी, जिससे पगमार्क स्पष्ट रूप से दिखाई दिए। ये पगमार्क काफी ताजे बताए जा रहे हैं, जिससे अनुमान है कि बाघ हाल के घंटों में ही उस रास्ते से गुजरा है। बाघ की मौजूदगी की खबर से ग्रामीणों में भय व्याप्त है और वे घरों से निकलने में सतर्कता बरत रहे हैं। गन्ने और रबी फसलों के काम के लिए खेतों में जाना आवश्यक होने के कारण ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। ग्रामीणों और वनकर्मियों ने मिलकर रात में पहरा देना शुरू कर दिया है। स्थानीय जदयू नेता चुन्नू गिरी ने तत्काल वन विभाग को इसकी जानकारी दी। सूचना मिलते ही वनपाल अंशु कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने मौके पर पहुंचकर खेत और आसपास के इलाकों में बाघ की दिशा का पता लगाने के लिए ट्रैकिंग शुरू कर दी। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व परियोजना के चिंवटाहा रेंजर अमित कुमार ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बाघ के पगमार्क मिलने की सूचना सही है और एक विशेष टीम द्वारा ट्रैकिंग की जा रही है। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है ताकि उसे सुरक्षित रूप से जंगल की ओर मोड़ा जा सके। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे खेतों में अकेले न जाएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें। बच्चों और महिलाओं को अकेले बाहर निकलने से रोका जा रहा है। बेतिया जिले के रामनगर प्रखंड की गुदगुद्दी पंचायत के आदिवासी टोला से सटे एक गेहूं के खेत में शुक्रवार को बाघ के पगमार्क मिले हैं। इससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। सूचना मिलते ही वन विभाग ने ट्रैकिंग शुरू कर दी है। गुदगुद्दी गांव के आदिवासी टोला के पूर्वोत्तर हिस्से में स्थित इस खेत में सिंचाई के कारण नमी थी, जिससे पगमार्क स्पष्ट रूप से दिखाई दिए। ये पगमार्क काफी ताजे बताए जा रहे हैं, जिससे अनुमान है कि बाघ हाल के घंटों में ही उस रास्ते से गुजरा है। बाघ की मौजूदगी की खबर से ग्रामीणों में भय व्याप्त है और वे घरों से निकलने में सतर्कता बरत रहे हैं। गन्ने और रबी फसलों के काम के लिए खेतों में जाना आवश्यक होने के कारण ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। ग्रामीणों और वनकर्मियों ने मिलकर रात में पहरा देना शुरू कर दिया है। स्थानीय जदयू नेता चुन्नू गिरी ने तत्काल वन विभाग को इसकी जानकारी दी। सूचना मिलते ही वनपाल अंशु कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने मौके पर पहुंचकर खेत और आसपास के इलाकों में बाघ की दिशा का पता लगाने के लिए ट्रैकिंग शुरू कर दी। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व परियोजना के चिंवटाहा रेंजर अमित कुमार ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बाघ के पगमार्क मिलने की सूचना सही है और एक विशेष टीम द्वारा ट्रैकिंग की जा रही है। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है ताकि उसे सुरक्षित रूप से जंगल की ओर मोड़ा जा सके। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे खेतों में अकेले न जाएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें। बच्चों और महिलाओं को अकेले बाहर निकलने से रोका जा रहा है।  

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