गांजा तस्करी के एक मामले में सुपौल जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश पंचम सह विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट, सुनील कुमार तृतीय की अदालत ने बुधवार को तीन आरोपियों को दोषी पाते हुए 15-15 वर्ष का सश्रम कारावास और डेढ़-डेढ़ लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं देने पर तीनों को छह-छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। सुपौल जिले के रतनपुरा थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं तीनों दोषी सजा पाने वाले तीनों अभियुक्तों की पहचान रंजीत कुमार मेहता (वार्ड संख्या-3), अनिल सादा (वार्ड संख्या-2) और देवचंद्र सादा (वार्ड संख्या-1), सभी निवासी पिपराही गांव, थाना रतनपुरा, सुपौल के रूप में हुई है। वहीं, मामले में नामजद एक अन्य आरोपी रंजीत मुखिया को साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया। 238 किलो गांजा के साथ हुई थी गिरफ्तारी मामला 27 फरवरी 2023 का है। उस दिन पुलिस ने रतनपुरा पूर्वी कोसी तटबंध पर छापेमारी कर 238 किलोग्राम गांजा बरामद किया था। मौके से तीनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस संबंध में रतनपुरा थाने में एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। पांच गवाहों के बयान के बाद आया फैसला विशेष लोक अभियोजक धर्मेंद्र कामत ने बताया कि मामले की जांच के दौरान पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से एसपी शरथ आर.एस. के निर्देशन में कुल पांच गवाहों को अदालत में प्रस्तुत किया गया था। गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने तीनों को दोषी मानते हुए कठोर सजा सुनाई। नशा तस्करों को कड़ा संदेश अदालत के इस फैसले को सुपौल जिले में नशा तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। इस निर्णय ने क्षेत्र में सक्रिय गांजा कारोबारियों और नशा माफियाओं को कड़ा संदेश दिया है कि नशे के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ अब कानून सख्ती से कार्रवाई करेगा। गांजा तस्करी के एक मामले में सुपौल जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश पंचम सह विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट, सुनील कुमार तृतीय की अदालत ने बुधवार को तीन आरोपियों को दोषी पाते हुए 15-15 वर्ष का सश्रम कारावास और डेढ़-डेढ़ लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं देने पर तीनों को छह-छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। सुपौल जिले के रतनपुरा थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं तीनों दोषी सजा पाने वाले तीनों अभियुक्तों की पहचान रंजीत कुमार मेहता (वार्ड संख्या-3), अनिल सादा (वार्ड संख्या-2) और देवचंद्र सादा (वार्ड संख्या-1), सभी निवासी पिपराही गांव, थाना रतनपुरा, सुपौल के रूप में हुई है। वहीं, मामले में नामजद एक अन्य आरोपी रंजीत मुखिया को साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया। 238 किलो गांजा के साथ हुई थी गिरफ्तारी मामला 27 फरवरी 2023 का है। उस दिन पुलिस ने रतनपुरा पूर्वी कोसी तटबंध पर छापेमारी कर 238 किलोग्राम गांजा बरामद किया था। मौके से तीनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस संबंध में रतनपुरा थाने में एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। पांच गवाहों के बयान के बाद आया फैसला विशेष लोक अभियोजक धर्मेंद्र कामत ने बताया कि मामले की जांच के दौरान पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से एसपी शरथ आर.एस. के निर्देशन में कुल पांच गवाहों को अदालत में प्रस्तुत किया गया था। गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने तीनों को दोषी मानते हुए कठोर सजा सुनाई। नशा तस्करों को कड़ा संदेश अदालत के इस फैसले को सुपौल जिले में नशा तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। इस निर्णय ने क्षेत्र में सक्रिय गांजा कारोबारियों और नशा माफियाओं को कड़ा संदेश दिया है कि नशे के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ अब कानून सख्ती से कार्रवाई करेगा।


