किशनगंज के कोचाधामन और बहादुरगंज अंचल में प्रस्तावित सैनिक स्टेशन के लिए चिह्नित लगभग 250 एकड़ जमीन पर स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि यह जमीन ईदगाह, मस्जिद, कब्रिस्तान और घनी आबादी वाली बस्तियों से सटी हुई है। यदि यहां अधिग्रहण हुआ तो सैकड़ों परिवार बेघर हो जाएंगे और धार्मिक स्थल खतरे में पड़ जाएंगे। इस मामले को लेकर कोचाधामन विधायक सरवर आलम और AIMIM बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने सोमवार को पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा, जिसमें सैनिक स्टेशन के लिए कोई वैकल्पिक स्थान तलाशने का आग्रह किया गया, ताकि स्थानीय लोगों की आजीविका, धार्मिक भावनाएं और प्राकृतिक परिवेश प्रभावित न हो। सेना ने स्टेशन के लिए जमीन किया था प्रस्तावित ज्ञापन में विशेष रूप से कोचाधामन अंचल के सतभीट्टा और कन्हैयाबाड़ी मौजा, तथा बहादुरगंज अंचल के शकोर और नटवापाड़ा मौजा की उन जमीनों का उल्लेख किया गया है, जिन्हें सेना ने स्टेशन के लिए प्रस्तावित किया है। विधायक सरवर आलम ने कहा कि सैनिक स्टेशन बनना देशहित में है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सैकड़ों परिवार उजड़ जाएं और धार्मिक स्थल खत्म हो जाएं। उन्होंने सरकार से दूसरा उपयुक्त स्थान ढूंढने की मांग की। विधायक ने मुख्यमंत्री को क्षेत्र में महानंदा व अन्य नदियों के विकराल कटाव की समस्या से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि बस्तियां खतरे में हैं और किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन हर साल नदी में समा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोनों मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने और जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। संघर्ष करते रहने का दिलाया भरोसा विधायक सरवर आलम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोगों को उनके हितों और संवेदनाओं की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करते रहने का भरोसा दिलाया है। दूसरी ओर, ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रस्तावित स्थान पर सैनिक स्टेशन बना तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार इस संवेदनशील मामले में क्या फैसला लेती है। किशनगंज के कोचाधामन और बहादुरगंज अंचल में प्रस्तावित सैनिक स्टेशन के लिए चिह्नित लगभग 250 एकड़ जमीन पर स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि यह जमीन ईदगाह, मस्जिद, कब्रिस्तान और घनी आबादी वाली बस्तियों से सटी हुई है। यदि यहां अधिग्रहण हुआ तो सैकड़ों परिवार बेघर हो जाएंगे और धार्मिक स्थल खतरे में पड़ जाएंगे। इस मामले को लेकर कोचाधामन विधायक सरवर आलम और AIMIM बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने सोमवार को पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा, जिसमें सैनिक स्टेशन के लिए कोई वैकल्पिक स्थान तलाशने का आग्रह किया गया, ताकि स्थानीय लोगों की आजीविका, धार्मिक भावनाएं और प्राकृतिक परिवेश प्रभावित न हो। सेना ने स्टेशन के लिए जमीन किया था प्रस्तावित ज्ञापन में विशेष रूप से कोचाधामन अंचल के सतभीट्टा और कन्हैयाबाड़ी मौजा, तथा बहादुरगंज अंचल के शकोर और नटवापाड़ा मौजा की उन जमीनों का उल्लेख किया गया है, जिन्हें सेना ने स्टेशन के लिए प्रस्तावित किया है। विधायक सरवर आलम ने कहा कि सैनिक स्टेशन बनना देशहित में है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सैकड़ों परिवार उजड़ जाएं और धार्मिक स्थल खत्म हो जाएं। उन्होंने सरकार से दूसरा उपयुक्त स्थान ढूंढने की मांग की। विधायक ने मुख्यमंत्री को क्षेत्र में महानंदा व अन्य नदियों के विकराल कटाव की समस्या से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि बस्तियां खतरे में हैं और किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन हर साल नदी में समा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोनों मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने और जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। संघर्ष करते रहने का दिलाया भरोसा विधायक सरवर आलम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोगों को उनके हितों और संवेदनाओं की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करते रहने का भरोसा दिलाया है। दूसरी ओर, ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रस्तावित स्थान पर सैनिक स्टेशन बना तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार इस संवेदनशील मामले में क्या फैसला लेती है।


