Cold Urticaria: सर्दी का मौसम अपने साथ बीमारियों की भरमार लेकर आता है। सर्दी में लोग ठंड और बीमारियों से बचने के लिए जो नुस्खे अपनाते हैं, उनमें से एक भी काम नहीं करता जब ये बीमारियां अपना प्रकोप दिखाती हैं। सर्दी-जुकाम के भी हम इतने रूप देख लेते हैं जितने कि हम सब्जियों के नाम देखते हैं। शारीरिक बीमारियों में पीछे कोई नहीं रहना चाहता, फिर चाहे वह स्किन की कोई प्रॉब्लम हो या अन्य कोई समस्या। आयुर्वेद के अनुसार हमारा शरीर मुख्य रूप से 3 जैविक तत्वों का संयोग है। इन्हीं में से एक तत्व है पित्त।
इस जैविक तत्व में बदलाव के कारण ही हमारे शरीर में शीत पित्ती की समस्या उत्पन्न होती है। यह असल में त्वचा की एक बीमारी के रूप में सामने आती है। इसमें होता यह है कि शरीर की त्वचा इसके ट्रिगर्स से लाल होकर उभरकर ऊपर उठ जाती है और इसमें खुजली भी कई बार बहुत ज्यादा होती है। आइए जानते हैं कि शीत पित्ती क्या होती है, इसके कारण क्या होते हैं और इससे बचने के लिए हमें क्या-क्या उपाय अपनाने चाहिए।
क्या होती है शीत पित्ती?(Cold Urticaria)
कोल्ड अर्टिकेरिया यानी शीत पित्ती त्वचा की एक पुरानी लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली समस्या है। यह बीमारी अक्सर ठंड के संपर्क में आने और ठंडी चीजों के सेवन करने से उत्पन्न होती है। इस बीमारी की सबसे बड़ी बात यह है कि ठंडी चीजों के संपर्क में आने से यह होती है, लेकिन इसके लक्षण जब कुछ ही मिनट में दिखने लग जाते हैं, तो उसके बाद गर्म जगह पर जाने और गर्म चीजों का सेवन करने से भी यह समस्या कम होने की जगह बढ़ जाती है। ज्यादातर जवान लोगों में यह समस्या अधिक होती है। कभी-कभी यह वायरल इन्फेक्शन जैसे हेपेटाइटिस, मोनोन्यूक्लिओसिस के लक्षणों के रूप में भी सामने आता है।
शीत पित्ती (कोल्ड अर्टिकेरिया) के कारण(Cold Urticaria Causes)
कोल्ड अर्टिकेरिया का कोई एक विशेष कारण बताना मुश्किल है, इस बात को विशेषज्ञ भी मानते हैं। काफी बार इसके लक्षण दूसरी बीमारियों जैसे कैंसर और अन्य जेनेटिक्स बीमारियों के लक्षणों के रूप में भी प्रकट होते हैं। शीत पित्ती की समस्या वैसे तो लोगों के लिए कोई बड़ी बात नहीं होती, लेकिन इसके लक्षणों को नजरअंदाज करना आपको बहुत भारी पड़ सकता है।
शीत पित्ती (कोल्ड अर्टिकेरिया) से बचने के उपाय(Cold Urticaria Prevention)
- ठंडे मौसम में बाहर निकलते समय शरीर को पूरी तरह ढककर निकलें।
- नहाने या हाथ धोने के लिए हमेशा गुनगुने पानी का प्रयोग करें।
- आइसक्रीम जैसी बहुत ठंडी खाने की चीजों से परहेज करें।
- स्विमिंग पूल या किसी भी पानी में उतरने से पहले पानी का तापमान देखें।
- त्वचा की नमी बचाने के लिए बिना खुशबू वाले मॉइस्चराइजर का प्रयोग करें।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से न आजमाएं, बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


