नये दौर की प्रौद्योगिकी के प्रति निराशावादी होने की आवश्यकता नहीं: Vice President Radhakrishnan

नये दौर की प्रौद्योगिकी के प्रति निराशावादी होने की आवश्यकता नहीं: Vice President Radhakrishnan

उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने मंगलवार को कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) अब भविष्य की अवधारणा नहीं, बल्कि वर्तमान की वास्तविकता है और नयी प्रौद्योगिकी के प्रति निराशावादी होने की कोई आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जीजीएसआईपीयू) और अखिल भारतीय प्रौद्योगिकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के सहयोग से आयोजित एआई विकास सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जब कंप्यूटर का उपयोग शुरू किया गया था, तब उनका विरोध किया गया लेकिन उन्होंने दुनिया को बदल दिया।

एक बयान के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि हर तकनीकी प्रगति के सकारात्मक और नकारात्मक, दोनों पहलू होते हैं और यह जिम्मेदारी हमारी है कि हम तकनीक का उपयोग सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से करें।

उपराष्ट्रपति ने सभा को संबोधित करते हुए यह रेखांकित किया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता अब केवल भविष्य की कल्पना नहीं है, बल्कि वर्तमान की वास्तविकता है।
उन्होंने कहा कि यह उपचार, जलवायु मॉडलिंग, शासन, शिक्षा, वित्त और राष्ट्रीय सुरक्षा समेत कई क्षेत्रों को प्रभावित कर रही है और समाज की प्रगति तथा व्यक्तियों के जीवन व कार्य करने के तरीके को नया रूप दे रही है।

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