डीसीजीआई के 11 अप्रैल 2025 को जारी आदेश में जिन 35 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) के निर्माण और बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया था, वे दवाएं थोक बाजार में भी बेची जा रही हैं। इंदौर के दवा बाजार में थोक दवा व्यापारी ये दवाएं सप्लाई कर रहे हैं। अनअप्रूव्ड दवाएं सूरत (गुजरात), मुंबई (महाराष्ट्र), सोलन (हिमाचल प्रदेश), नई दिल्ली में बनती हैं। इन दवाओं पर ही मेकर्स और मार्केटिंग कंपनियों के नाम-पते छपे हैं फिर भी विभाग इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इंदौर से ही धार, देवास, उज्जैन और आसपास के जिलों में सप्लाई होती है। दवा बाजार में थोक दुकानों पर कुछ ही मात्रा में दवाएं रखी जाती हैं। बाकी दवाओं को गोदाम से मंगवाकर दे दिया जाता है। वहीं उज्जैन में इन दवाओं को तीन बत्ती चौराहा स्थित दवा बाजार में कुछ चुनिंदा व्यापारी ही रखते हैं। बिना बिल के देते हैं छोटे व्यापारी को दवाई
भास्कर ने रिटेल व्यापारी के तौर पर इंदौर के दवा बाजार में थोक व्यापारियों से अनअप्रूव्ड दवाएं मांगीं तो उन्होंने कुछ मात्रा में दवाई दे दी। जब उनसे ज्यादा मात्रा की मांग की तो उनका कहना था कि एक दिन रुकिए, कल तक मंगवा देंगे। कल कैसे आएगी तो उन्होंने बताया कि देवास नाका पर बड़े डीलरों के गोदाम हैं। वहां से मंगवाकर देंगे। जो दवाई मिली थी, उसका भी बिल नहीं दिया।
(भास्कर के पास इसका वीडिया मौजूद है) जनऔषधि केंद्र वाले मंगवाकर दे रहे दवाई
दवा बाजार स्थित पीएम जनऔषधि केंद्र पर अनअप्रूव्ड दवाएं नहीं थीं। दुकानदार ने कुछ देर इंतजार करने को कहा। दुकान से लड़के को भेजकर दवाई मंगवाई और हमें दे दी। केस-1: दवा बाजार के तलघर में दक्ष फार्मा की दुकान से भास्कर ने कई एफडीसी दवाएं मांगी तो उन्होंने निकालकर दे दीं। बिल मांगा तो नहीं दिया और पेमेंट ले लिया। केस-2: दवा बाजार के पहले तल मेडिट्रेड एजेंसी से हमने एफडीसी दवाएं मांगी। दुकानदार ने दवाएं दे दीं। ज्यादा मात्रा में मांगी तो वह बोला- आज माल नहीं है, कल मिल जाएगा। अब भी बिक रहीं तो कार्रवाई करेंगे जो FDC बैन की गई थी, उसी दिन से हमने एसोसिएशन के सदस्यों व दवा बाजार के दुकानदारों को इन्हें बेचने की रोक लगाई थी। फिर भी बिक रही है और बिना बिल के, तो कार्रवाई करेंगे। -विनय बाकलीवाल, अध्यक्ष इंदौर दवा बाजार व्यापारी संघ


