उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति का तीन साल से इंतजार कर रहे हजारों विद्यार्थियों के लिए आखिरकार राहत भरी खबर है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने झुंझुनूं जिले के 3850 विद्यार्थियों के लिए 38.50 लाख रुपए की लंबित छात्रवृत्ति राशि जारी कर दी है। वित्त विभाग से बजट जारी होने के बाद भुगतान की प्रक्रिया मिशन मोड में शुरू कर दी गई है और यह राशि 31 अक्टूबर से पहले सीधे विद्यार्थियों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। विभाग पुराने लंबित आवेदनों को प्राथमिकता दे रहा है, ताकि केंद्र के बजट का हिस्सा लैप्स होने से बचाया जा सके। इन वर्गों और सत्रों के विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ यह छात्रवृत्ति राशि जिले के अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के कक्षा 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को मिलेगी। जारी की गई राशि में सत्र 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के लंबित आवेदन शामिल हैं। सामाजिक न्याय विभाग के उप निदेशक डॉ. पवन पूनिया ने बताया कि सबसे पहले उन पुराने लंबित आवेदनों का निस्तारण किया जा रहा है, जिनमें तकनीकी खामियां या दस्तावेज संबंधी आपत्तियाँ थीं। विद्यार्थियों और शिक्षण संस्थानों के स्तर पर संशोधन के बाद अब इन आवेदनों को भुगतान के लिए स्वीकृत किया जा रहा है। सबसे पहले: सत्र 2022-23 के 524 विद्यार्थियों को। इसके बाद: सत्र 2023-24 के लगभग 650 आवेदनों का भुगतान। सत्र 2024-25 के करीब 3500 विद्यार्थियों के खाते में राशि ट्रांसफर होगी। लैप्स हो सकता है केंद्र का 60% बजट इस त्वरित भुगतान प्रक्रिया के पीछे एक बड़ी वजह केंद्र सरकार की सख्त समय-सीमा है। उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति में 60% हिस्सा केंद्र सरकार का और 40% हिस्सा राज्य सरकार का होता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सत्र 2022-23 तक के बजट उपयोग की रिपोर्ट 31 अक्टूबर तक भेजनी है। यदि इस निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं हो पाता है, तो केंद्र का 60% हिस्सा लैप्स हो जाएगा, और आगे विद्यार्थियों को केवल राज्य के हिस्से की 40% राशि ही मिल पाएगी। इस खतरे को देखते हुए, विभाग ने जिला कार्यालयों को लंबित आवेदनों को तत्काल संशोधित कराकर स्वीकृत करने के निर्देश दिए हैं। अटकी उम्मीदों को मिली उड़ान छात्रवृत्ति का यह भुगतान पिछले तीन वर्षों से बजट की कमी, साथ ही तकनीकी आपत्तियों और दस्तावेजों की खामियों के कारण अटका हुआ था। उप निदेशक डॉ. पवन पूनिया ने बताया कि कई विद्यार्थियों को समय पर खामियों की जानकारी नहीं मिली, तो कई शिक्षण संस्थानों ने भी समय पर संशोधन नहीं कराया, जिससे भुगतान रुका रहा। अब वित्तीय वर्ष के अंतिम चरण में बजट की स्वीकृति मिलने और केंद्र के हिस्से को लैप्स होने से बचाने की अनिवार्यता के कारण इस प्रक्रिया ने गति पकड़ी है। इस घोषणा से झुंझुनूं जिले के विद्यार्थियों में खुशी की लहर है।


