बैतूल। मध्य रेलवे के नागपुर मंडल द्वारा इटारसी-नागपुर तृतीय लाइन परियोजना के अंतर्गत चिचोंडा-मुलताई के बीच निर्मित 15.26 ट्रैक किलोमीटर (टीकेएम) लंबी तृतीय रेल लाइन पर शुक्रवार को स्पीड ट्रायल सफलतापूर्वक किया गया। यह ट्रायल मुख्य आयुक्त रेल संरक्षा (सीआरएस) के विशेष निरीक्षण के अंतर्गत किया गया, जिसे परियोजना की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
स्पीड ट्रायल के दौरान रेल लाइन पर निर्धारित गति से ट्रेन चलाकर ट्रैक की मजबूती, संरक्षा मानकों, सिग्नलिंग व्यवस्था, ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) एवं दूरसंचार प्रणाली की गहन जांच की गई। निरीक्षण के दौरान सभी तकनीकी पहलुओं को संतोषजनक पाया गया। चिचोंडा-मुलताई तृतीय लाइन खंड का निर्माण आधुनिक तकनीक एवं निर्धारित मानकों के अनुरूप किया गया है। इस खंड में एक रोड ओवर ब्रिज, 25 लघु पुल, जिनमें एक लिमिटेड हाइट सबवे शामिल है, का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही लेवल क्रॉसिंग क्रमांक 265 का प्रावधान किया गया है। वहीं, मुलताई रेलवे स्टेशन के यार्ड का पुनर्गठन भी किया गया है, जिससे ट्रेनों के संचालन में सुगमता आएगी। तृतीय लाइन के शुरू होने से इस व्यस्त रेल मार्ग पर ट्रेनों की समयपालन क्षमता में सुधार होगा। मालगाडिय़ों और यात्री ट्रेनों के आवागमन को गति मिलेगी तथा भविष्य की बढ़ती यातायात आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए रेल अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी।
मध्य रेलवे का नागपुर मंडल रेल नेटवर्क के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए लगातार कार्य कर रहा है। यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय विकास को नई गति देगी, बल्कि यात्रियों को अधिक सुरक्षित, तेज और भरोसेमंद रेल सेवाएं उपलब्ध कराने में भी सहायक सिद्ध होगी।
110 की स्पीड से किया गया ट्रायल
चिचोंडा-मुलताई तृतीय रेल लाइन पर शुक्रवार को 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रेलवे ट्रेक का ट्रायल किया गया। ट्रायल के दौरान ट्रेन की स्पीड बढ़ाते हुए 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक ले जाया गया। इस दौरान रेलवे की सभी विंगों के अधिकारी और कर्मचारीगण मौजूद रहे। ट्रायल सफल रहा हैं। रेलवे सेफ्टी ऑफ कमिश्नर द्वारा ट्रायल सफल होने का सर्टिफिकेट भी जारी किया जाएगा।
ट्रेक पर आवागमन होगा सुगम
तीसरी लाइन की टेस्टिंग के बाद अब रेल यात्री और गुड शेड की ट्रेनों को छोटे स्टेशनों पर रूकना नहीं पड़ेगा। ट्रेेक पर ट्रेनों के होने की वजह से कई ट्रेनों को स्टेशनों पर रोकना पड़ता था। अब तीसरी लाइन के बन जाने और इसके शुरू होने से ट्रेने निकल सकेगी और समय की बचत होगी।
चिचोंडा-मुलताई तृतीय रेल लाइन पर 110 की स्पीड से दौड़ी ट्रेन, सफल हुआ ट्रायल


