भास्कर न्यूज | मुंगेर मुंगेर जिले में 17 से 20 नवंबर 2025 तक विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों का निरीक्षण करने पहुंची केंद्र की सीआरएम टीम की रिपोर्ट पर चर्चा को लेकर जिलाधिकारी निखिल धनराज निप्पाणीकर की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में टीम ने अपने निरीक्षण के आधार पर विस्तृत फीडबैक जिलाधिकारी को सौंपा। टीम ने सदर अस्पताल मुंगेर, अनुमंडलीय अस्पताल तारापुर, आयुष्मान आरोग्य मंदिर (बिहमा व खैरा, तारापुर), एपीएचसी बेलबिहमा, सीएचसी हवेली खड़गपुर, आयुष्मान आरोग्य मंदिर मंझगाय, आरएचएसडी दिवस, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, एनीमिया मुक्त भारत अभियान तथा जमालपुर, धरहरा और इंद्रुख के कई स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया। टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जिले में स्वास्थ्य सेवाएं समग्र रूप से बेहतर हैं, लेकिन मेडिकल स्टाफ की क्षमता-वृद्धि और कुछ इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार की तत्काल आवश्यकता है। टीम के अनुसार जिला और अनुमंडल अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता पर्याप्त है, लेकिन सीएचसी और एपीएचसी स्तर पर दवाओं की कमी साफ दिखी। यदि इस कमी को दूर किया जाए तो मरीजों को अपने ही क्षेत्र में उपचार मिल सकेगा और उन्हें जिला अस्पताल के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पैथोलॉजी सेवा कई केंद्रों पर तकनीशियनों की कमी के कारण बाधित है। कैंसर, टीबी और अन्य बीमारियों की स्क्रीनिंग के लिए उपलब्ध मशीनें भी पूरी क्षमता से उपयोग में नहीं लाई जा रहीं, जिसे तत्काल दुरुस्त करने की जरूरत है। डीएम ने टीम के सभी सुझावों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इन सभी मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। बैठक में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी एके शाही, डॉ. संतोष निराला, निखलेश परचुरे, डॉ. अंकिता साहा, डॉ. अशोक कुमार सिन्हा, शाहिद अलि वारसी, डॉ. अनिंदया साहा, डॉ. पंकज पटेल, निशांत कुमार, डॉ. नमित कुमार, पितुष चंदन, सिविल सर्जन डॉ. रामप्रवेश प्रसाद आदि थे। भास्कर न्यूज | मुंगेर मुंगेर जिले में 17 से 20 नवंबर 2025 तक विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों का निरीक्षण करने पहुंची केंद्र की सीआरएम टीम की रिपोर्ट पर चर्चा को लेकर जिलाधिकारी निखिल धनराज निप्पाणीकर की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में टीम ने अपने निरीक्षण के आधार पर विस्तृत फीडबैक जिलाधिकारी को सौंपा। टीम ने सदर अस्पताल मुंगेर, अनुमंडलीय अस्पताल तारापुर, आयुष्मान आरोग्य मंदिर (बिहमा व खैरा, तारापुर), एपीएचसी बेलबिहमा, सीएचसी हवेली खड़गपुर, आयुष्मान आरोग्य मंदिर मंझगाय, आरएचएसडी दिवस, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, एनीमिया मुक्त भारत अभियान तथा जमालपुर, धरहरा और इंद्रुख के कई स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया। टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जिले में स्वास्थ्य सेवाएं समग्र रूप से बेहतर हैं, लेकिन मेडिकल स्टाफ की क्षमता-वृद्धि और कुछ इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार की तत्काल आवश्यकता है। टीम के अनुसार जिला और अनुमंडल अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता पर्याप्त है, लेकिन सीएचसी और एपीएचसी स्तर पर दवाओं की कमी साफ दिखी। यदि इस कमी को दूर किया जाए तो मरीजों को अपने ही क्षेत्र में उपचार मिल सकेगा और उन्हें जिला अस्पताल के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पैथोलॉजी सेवा कई केंद्रों पर तकनीशियनों की कमी के कारण बाधित है। कैंसर, टीबी और अन्य बीमारियों की स्क्रीनिंग के लिए उपलब्ध मशीनें भी पूरी क्षमता से उपयोग में नहीं लाई जा रहीं, जिसे तत्काल दुरुस्त करने की जरूरत है। डीएम ने टीम के सभी सुझावों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इन सभी मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। बैठक में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी एके शाही, डॉ. संतोष निराला, निखलेश परचुरे, डॉ. अंकिता साहा, डॉ. अशोक कुमार सिन्हा, शाहिद अलि वारसी, डॉ. अनिंदया साहा, डॉ. पंकज पटेल, निशांत कुमार, डॉ. नमित कुमार, पितुष चंदन, सिविल सर्जन डॉ. रामप्रवेश प्रसाद आदि थे।


