बाढ़ पीड़ितों के बीच प्रशांत किशोर ने बिताया समय:जनसुराज के नेता बोले- दिवाली के दिन भी ये अपने घर नहीं लौट सके, सरकार जनता को भूल गई

बाढ़ पीड़ितों के बीच प्रशांत किशोर ने बिताया समय:जनसुराज के नेता बोले- दिवाली के दिन भी ये अपने घर नहीं लौट सके, सरकार जनता को भूल गई

दिवाली के दिन जहां पूरा बिहार दीपों की रोशनी में जश्न मना रहा था, वहीं जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) ने सोमवार को भोजपुर के शाहपुर प्रखंड के जवानियां गांव में बाढ़ से विस्थापित परिवारों के बीच समय बिताया। वे दोपहर से लेकर देर शाम तक गांव के पास बने बांध पर ठहरे सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों के बीच रहे, उनका हाल जाना और उनके साथ दीपावली मनाई। पीके ने कहा कि ज्वइनिया गांव के करीब 700 परिवार आज भी बांध के किनारे तिरपालों के नीचे रह रहे हैं। जबकि सरकार ने अब तक इनके पुनर्वास की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की है। उन्होंने कहा- हम यहां किसी दिखावे या सहायता वितरण के लिए नहीं आए हैं, बल्कि इसलिए आए हैं ताकि यह सच्चाई सामने रखी जा सके कि जिनके ऊपर शासन की जिम्मेदारी है, वे आज अपनी ही जनता को भूल चुके हैं। सरकार की नीतियां सिर्फ कागजों में सीमित उन्होंने कहा कि आज ये लोग दिवाली के दिन भी अपने घर नहीं लौट सके हैं। सरकार की नीतियां सिर्फ कागजों में सीमित रह गई हैं। अगर आज जवानियां के लोगों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है, तो कल किसी और की भी नहीं होगी। इसलिए आने वाले विधानसभा चुनाव में जब आप वोट देने जाएं, तो इन 700 परिवारों को जरूर याद रखें। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में जनता अगर ठान ले तो हर व्यवस्था बदली जा सकती है। जैसे पेंशन और मानदेय बढ़ाने का काम हुआ, वैसे ही नई सरकार आने पर जवानियां जैसे गांवों को फिर से बसाने के लिए संसाधन जुटाए जा सकते हैं। जन सुराज का मकसद भी यही है कि जनता के हितों को केंद्र में रखकर नयी व्यवस्था बनाना। बांधों पर संघर्षपूर्ण जीवन जी रहे लोग उन्होंने सभी बिहारवासियों से अपील की कि दिवाली की खुशियों के बीच उन लोगों को भी याद करें जो अब भी अपने घरों से दूर, बांधों पर संघर्षपूर्ण जीवन जी रहे हैं। दौरे के दौरान प्रशांत किशोर के साथ जन सुराज अभियान से जुड़े कई कार्यकर्ता मौजूद थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि अब तक कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि यहां हाल जानने नहीं आया था, ऐसे में पीके का आना उनके लिए हिम्मत बढ़ाने वाला कदम है। आरा विधानसभा के प्रत्याशी डॉक्टर विजय गुप्ता ने बाढ़ पीड़ितों से मिलकर कहा कि बिहार सरकार के नाकामी के कारण आज पूरा गांव गंगा में विलीन हो गया है। लेकिन जनसुराज हमेशा बाढ़ पीड़ितों की सेवा करती आई है। 14 नवंबर को सरकार बनने के बाद सभी बाढ़ पीड़ितों को उनका आशियाना मिलेगा, हर बेटी स्कूल जाएगी। हर चेहरा एक बार फिर से खिल उठेगा। दिवाली के दिन जहां पूरा बिहार दीपों की रोशनी में जश्न मना रहा था, वहीं जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) ने सोमवार को भोजपुर के शाहपुर प्रखंड के जवानियां गांव में बाढ़ से विस्थापित परिवारों के बीच समय बिताया। वे दोपहर से लेकर देर शाम तक गांव के पास बने बांध पर ठहरे सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों के बीच रहे, उनका हाल जाना और उनके साथ दीपावली मनाई। पीके ने कहा कि ज्वइनिया गांव के करीब 700 परिवार आज भी बांध के किनारे तिरपालों के नीचे रह रहे हैं। जबकि सरकार ने अब तक इनके पुनर्वास की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की है। उन्होंने कहा- हम यहां किसी दिखावे या सहायता वितरण के लिए नहीं आए हैं, बल्कि इसलिए आए हैं ताकि यह सच्चाई सामने रखी जा सके कि जिनके ऊपर शासन की जिम्मेदारी है, वे आज अपनी ही जनता को भूल चुके हैं। सरकार की नीतियां सिर्फ कागजों में सीमित उन्होंने कहा कि आज ये लोग दिवाली के दिन भी अपने घर नहीं लौट सके हैं। सरकार की नीतियां सिर्फ कागजों में सीमित रह गई हैं। अगर आज जवानियां के लोगों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है, तो कल किसी और की भी नहीं होगी। इसलिए आने वाले विधानसभा चुनाव में जब आप वोट देने जाएं, तो इन 700 परिवारों को जरूर याद रखें। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में जनता अगर ठान ले तो हर व्यवस्था बदली जा सकती है। जैसे पेंशन और मानदेय बढ़ाने का काम हुआ, वैसे ही नई सरकार आने पर जवानियां जैसे गांवों को फिर से बसाने के लिए संसाधन जुटाए जा सकते हैं। जन सुराज का मकसद भी यही है कि जनता के हितों को केंद्र में रखकर नयी व्यवस्था बनाना। बांधों पर संघर्षपूर्ण जीवन जी रहे लोग उन्होंने सभी बिहारवासियों से अपील की कि दिवाली की खुशियों के बीच उन लोगों को भी याद करें जो अब भी अपने घरों से दूर, बांधों पर संघर्षपूर्ण जीवन जी रहे हैं। दौरे के दौरान प्रशांत किशोर के साथ जन सुराज अभियान से जुड़े कई कार्यकर्ता मौजूद थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि अब तक कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि यहां हाल जानने नहीं आया था, ऐसे में पीके का आना उनके लिए हिम्मत बढ़ाने वाला कदम है। आरा विधानसभा के प्रत्याशी डॉक्टर विजय गुप्ता ने बाढ़ पीड़ितों से मिलकर कहा कि बिहार सरकार के नाकामी के कारण आज पूरा गांव गंगा में विलीन हो गया है। लेकिन जनसुराज हमेशा बाढ़ पीड़ितों की सेवा करती आई है। 14 नवंबर को सरकार बनने के बाद सभी बाढ़ पीड़ितों को उनका आशियाना मिलेगा, हर बेटी स्कूल जाएगी। हर चेहरा एक बार फिर से खिल उठेगा।  

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