पर्यटन सीजन चरम पर, अनजान चेहरों के बीच मंडराते खतरे में सुरक्षा प्रबंधों की असली परीक्षा

पर्यटन सीजन चरम पर, अनजान चेहरों के बीच मंडराते खतरे में सुरक्षा प्रबंधों की असली परीक्षा

केस 1 – जैसलमेर शहर के मुख्य बाजार में एक व्यक्ति किसी दुकान के पास काफी देर मंडराता है और एकाएक मौका पाकर सामान उठा कर ले जाता है। समूचा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हो जाता है।

केस 2- जैसलमेर के ऐतिहासिक गड़ीसर सरोवर के पास एक पर्यटक का सामान गुम हो जाता है। पुलिस टीम की सक्रियता से आरोपी कैमरों की पकड़ में आ जाता है और पर्यटक को सामान मिल जाता है।

केस 3- जैसलमेर के भीतरी बाजार में एक व्यक्ति भीड़ की आड़ में आकर एक दुकान से सामान चुराने का प्रयास करता है, लेकिन आसपास के लोग उसे पकड़ लेते है। हालांकि समझाइश के बाद उसे छोड़ दिया जाता है।

केस 4 – सोनार दुर्ग में सैलानी की चैन झपटने की कोशिश के आरोप में एक युवक को सैलानियों की ओर से मौके पर ही दबोच लिया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची।
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में स्वर्णनगरी में पर्यटन चरम पर है। होटल, रिसोर्ट, गेस्ट हाउस और होम-स्टे फुल हो चुके हैं। बाजारों, सोनार दुर्ग क्षेत्र, गड़ीसर रोड, सम और अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भीड़ देखी जा रही है। इसी भीड़ में अनजान और संदिग्ध व्यक्तियों की आवाजाही तेजी से बढ़ी है। विगत दिनों में स्वर्णनगरी में सामान चोरी, दुकानों से सामान चुराने जैसी घटनाएं सामने आ चुकी है। ऐसी वारदातें न केवल सुरक्षा व निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं, बल्कि जैसलमेर की पर्यटन छवि को भी खतरे में डाल रही हैं। उधर, स्थानीय व्यापारी भी सुरक्षा कमज़ोरी को लेकर चिंतित हैं। होटलों, शोरूम और हस्तशिल्प दुकानों के मालिकों का कहना है कि अनजान व्यक्तियों की बढ़ती आवाजाही और चोरी की घटनाओं से कारोबार प्रभावित हो रहा है।

पर्यटन के लिए ऐसी घटनाएं खतरा, निगरानी जरूरी

होटल संचालक विनय कुमार बताते हैं कि पर्यटकों की सुरक्षा के प्रबंध सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है। स्वर्णनगरी की प्रतिष्ठा और व्यवसाय दोनों को ऐसी घटनाएं प्रभावित करती है। हस्तशिल्प दुकानदार शंकरलाल का कहना है कि भीड़ भाड़ में चोरी की घटनाएं ग्राहकों में डर पैदा कर रही हैं। एक अन्य व्यापारी विकास पुरोहित के अनुसार अनजान लोगों की पहचान नहीं होने से रेस्तरां और कैफे में सुरक्षा चुनौती बढ़ गई है। पर्यटन से ही जुड़ी पारुल देवी का कहना है कि काले शीशे वाली गाडिय़ों और नियमों की अनदेखी से जोखिम और बढ़ गया है। व्यापारी प्रशासन से सुरक्षा कड़ी करने, सीसीटीवी नेटवर्क मजबूत करने और बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन को सख्त करने की मांग कर रहे हैं।

हकीकत यह भी

-जैसलमेर अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा संवेदनशील जिला है। सीमावर्ती गांवों और टीलों से जुड़े क्षेत्र में बिना सत्यापन व्यक्तियों की मौजूदगी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिमपूर्ण हो सकती है।

  • पर्यटन स्थलों विशेषकर सोनार किला, गड़ीसर सरोवर व पटवा हवेली क्षेत्र में रात के समय गश्त व देर रात आने वाले लोगों की जांच जरूरी है।
    सुरक्षा के लिए ये है जरूरी
    -होटल, गेस्ट हाउस और होम-स्टे में ठहरने वाले प्रत्येक व्यक्ति का सख्त सत्यापन अनिवार्य होना चाहिए।
    -सादा वर्दी में पुलिस और खुफिया तंत्र की तैनाती बढ़ाई जाए। काले शीशे वाली गाडिय़ों पर जीरो टॉलरेंस लागू किया जाए।
    -शहर और पर्यटन क्षेत्रों में सीसीटीवी नेटवर्क मजबूत कर 24 घंटे निगरानी सुनिश्चित की जाए।
    -होटल संचालकों, गाइड्स, टैक्सी यूनियनों और स्थानीय नागरिकों को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने के लिए जागरूक किया जाए।
  • फैक्ट फाइल…
    -38 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला सरहदी जिला
    -4 हजार से अधिक बाहरी लोग इन दिनों जैसलमेर शहर में निवासरत
    -4 वर्षों में 100 से अधिक आपराधिक घटनाएंं आ चुकी सामने
    -8 थाना क्षेत्रों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध

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