1 अप्रैल से बदल जाएगा इनकम टैक्स का पुराना कानून:2026 में असेसमेंट ईयर खत्म होगा, अब सिर्फ टैक्स ईयर चलेगा; 64 साल पुराना नियम खत्म होगा

1 अप्रैल से बदल जाएगा इनकम टैक्स का पुराना कानून:2026 में असेसमेंट ईयर खत्म होगा, अब सिर्फ टैक्स ईयर चलेगा; 64 साल पुराना नियम खत्म होगा

केंद्र सरकार 1 अप्रैल 2026 से देश में नया इनकम टैक्स कानून (इनकम टैक्स एक्ट, 2025) लागू करने जा रही है। नया कानून 1961 से चले आ रहे पुराने कानून की जगह लेगा। नए कानून का सबसे बड़ा मकसद टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाना और आम आदमी के लिए उलझनों को कम करना है। नए नियमों के तहत अब सैलरीड क्लास को ₹12 लाख तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा, टैक्स भरने के लिए अब तक इस्तेमाल होने वाले ‘असेसमेंट ईयर’ और ‘प्रीवियस ईयर’ जैसे कठिन शब्दों को हटाकर अब केवल ‘टैक्स ईयर’ का इस्तेमाल किया जाएगा। 6 दशक पुराने कानून में बड़े बदलाव 819 की जगह अब सिर्फ 536 धाराएं होंगी मौजूदा इनकम टैक्स कानून 1961 में बना था, जिसमें अब तक कई बार संशोधन हो चुके हैं। इस वजह से यह काफी जटिल हो गया था। सरकार ने नए कानून में धाराओं (सेक्शन) की संख्या 819 से घटाकर 536 कर दी है। इसकी भाषा को इतना सरल रखा गया है कि एक आम टैक्सपेयर भी समझ सके कि उसे कितना टैक्स देना है और कौन से फॉर्म भरने हैं। चैप्टर की संख्या भी 47 से घटाकर 23 कर दी गई है। ₹12.75 लाख तक की कमाई टैक्स फ्री नए टैक्स रिजीम के तहत अब ₹4 लाख तक की कमाई पर जीरो टैक्स लगेगा। इसके बाद ₹12 लाख तक की आय पर छूट को बढ़ाकर ₹60,000 कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर आपकी सालाना आय ₹12 लाख है, तो रिबेट मिलने के बाद आपको 1 रुपए भी टैक्स नहीं देना होगा। अगर इसमें ₹75,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी जोड़ दिया जाए, तो ₹12.75 लाख तक की सैलरी पूरी तरह टैक्स फ्री हो जाएगी। असेसमेंट ईयर की जगह अब टैक्स ईयर अब तक टैक्सपेयर्स ‘प्रीवियस ईयर’ (जिस साल पैसा कमाया) और ‘असेसमेंट ईयर’ (जिस साल टैक्स भरा) के बीच कंफ्यूज रहते थे। नए कानून में इन दोनों को खत्म कर दिया गया है। अब केवल ‘टैक्स ईयर’ होगा। यानी जिस साल आप कमाई करेंगे, वही आपका टैक्स ईयर कहलाएगा। यह ग्लोबल स्टैंडर्ड के हिसाब से किया गया है ताकि टैक्स फाइलिंग और कैलकुलेशन में पारदर्शिता बनी रहे। डिजिटल और फेसलेस सिस्टम पर जोर नया कानून पूरी तरह से डिजिटल-फर्स्ट अप्रोच पर बेस्ड है। फेसलेस असेसमेंट को और मजबूत बनाया गया है ताकि टैक्सपेयर और अधिकारी का आमना-सामना न हो और भ्रष्टाचार की गुंजाइश खत्म हो जाए। हाल ही में सोशल मीडिया पर चल रही इन खबरों को सरकार ने खारिज कर दिया है कि विभाग हर किसी के ईमेल या सोशल मीडिया अकाउंट चेक करेगा। सरकार ने साफ किया है कि यह केवल गंभीर टैक्स चोरी के मामलों में ही किया जाएगा विवाहित लोगों के लिए जॉइंट टैक्स फाइलिंग बजट 2026 के लिए आईसीएआई (ICAI) ने सुझाव दिया है कि भारत में विवाहित जोड़ों को एक साथ मिलकर टैक्स रिटर्न भरने का विकल्प मिलना चाहिए। इससे उन परिवारों को फायदा होगा जहां एक ही सदस्य कमाता है। हालांकि, सरकार ने अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया है, लेकिन माना जा रहा है कि मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए इस पर विचार किया जा सकता है। ——————– यहां आप अपना टैक्स कैलकुलेट कर सकते हैं…

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