गोपालगंज के थावे मंदिर का मास्टरमाइंड अरेस्ट:चोरी करने से 5 दिन पहले की थी रेकी, गूगल से सर्च कर बनाया था प्लान

गोपालगंज के थावे मंदिर का मास्टरमाइंड अरेस्ट:चोरी करने से 5 दिन पहले की थी रेकी, गूगल से सर्च कर बनाया था प्लान

गोपालगंज के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल थावे भवानी मंदिर में हुई 1.08 करोड़ की चोरी का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस चोरी कांड के मास्टरमाइंड दीपक राय को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि उसके एक अन्य साथी की तलाश जारी है। पुलिस के अनुसार यह चोरी पूरी तरह पेशेवर तरीके से की गई थी, जिसकी प्लानिंग आरोपी ने कई दिनों तक रेकी और टेक्निकल स्टडी के बाद की थी। बता दें कि 17 दिसंबर की रात चोरों ने थावे भवानी मंदिर के गर्भगृह में घुसकर मां दुर्गा की प्रतिमा से सोने-चांदी के हार, लॉकर में रखा मुकुट और अन्य बहुमूल्य आभूषण चुरा लिए थे। इसके साथ ही मंदिर परिसर में रखा करीब 50 किलो वजनी दानपेटी भी चोर उठा ले गए थे। चोरी गए सामान की अनुमानित कीमत करीब 1.08 करोड़ रुपए आंकी गई थी। सीसीटीवी में कैद हुई चोरी की तस्वीरें देखिए… 12 SIT टीमों का गठन, 5 दिन तक लगातार छापेमारी एसपी अवधेश दीक्षित ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया, इस बड़े कांड के खुलासे के लिए 12 विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया था। पांच दिनों तक बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में लगातार छापेमारी की गई। तकनीकी साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सर्विलांस के आधार पर पुलिस उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के जमुनिया थाना क्षेत्र तक पहुंची। यहां से देवानंद राय के बेटे दीपक राय को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। सख्ती से पूछताछ के दौरान दीपक ने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया। पहले भी कई मंदिर चोरी में शामिल रहा है आरोपी एसपी ने बताया कि दीपक राय पेशेवर मंदिर चोर है। उसके आपराधिक इतिहास की जांच में सामने आया कि वह पहले भी कई मंदिर चोरी की घटनाओं में शामिल रहा है। मार्च 2025 में उसने मध्यप्रदेश के महू जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित शीतला माता मंदिर में चोरी की थी। उस मामले में वह जेल गया था और 13 नवंबर 2025 को जेल से छूटकर बाहर आया था। जेल से छूटते ही मंदिरों की रेकी शुरू कर दी जेल से बाहर आने के बाद दीपक ने फिर से चोरी की योजना बनानी शुरू कर दी। उसने गोपालगंज के थावे मंदिर और पुणे के एक बड़े मंदिर की रेकी शुरू की। आरोपी ने गूगल सर्च के जरिए मंदिर के स्ट्रक्चर, गर्भगृह, मां दुर्गा के मुकुट और आभूषणों की पूरी जानकारी निकाली। पुलिस के अनुसार दीपक ने मोबाइल में मंदिर से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी सर्च की थी। यही कारण है कि चोरी इतनी सटीक और योजनाबद्ध तरीके से की गई। 10-11 दिसंबर को की थी फाइनल रेकी एसपी अवधेश दीक्षित ने आगे बताया, दीपक ने 10 और 11 दिसंबर की रात थावे मंदिर में आकर खुद रेकी की थी। उसने तय किया कि मंदिर में कहां से प्रवेश करना है, गर्भगृह तक कैसे पहुंचना है और चोरी के बाद सुरक्षित निकलने का रास्ता कौन-सा होगा। पूरी रणनीति तैयार करने के बाद ही 17 दिसंबर की रात उसने अपने साथी के साथ चोरी की घटना को अंजाम दिया। अर्धनिर्मित मकान से रस्सी के सहारे मंदिर में घुसा जिस तरह से चोरी की गई, ठीक उसी तरह रेकी भी की गई थी। मंदिर के पीछे मौजूद एक अर्धनिर्मित मकान से रस्सी के सहारे दीपक और उसका साथी मंदिर परिसर में दाखिल हुए। इसके बाद गर्भगृह में पहुंचकर मां दुर्गा के बहुमूल्य आभूषण और दानपेटी चोरी कर ली। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी गांव के रास्तों से निकलते हुए अपने घर पहुंच गया। आभूषण साथी को सौंप दिए, खुद को बचाने की साजिश पुलिस ने बताया कि दीपक ने चोरी के आभूषण अपने पास नहीं रखे थे। उसने सभी कीमती गहने अपने दूसरे साथी को सौंप दिए थे, ताकि अगर वह पकड़ा जाए तो उसके पास से कोई बरामदगी न हो सके। यही कारण है कि अभी तक आभूषण बरामद नहीं हो सके हैं। आरोपी से कई अहम सामान बरामद पुलिस ने दीपक राय के पास से रॉड कटर, चोरी के समय पहने गए कपड़े, मोबाइल फोन (जिसमें थावे मंदिर की पूरी सर्च हिस्ट्री मिली), बाइक, बैग(जिसमें चोरी के आभूषण डाले थे) बरामद किए हैं। मोबाइल फोन की जांच में यह भी सामने आया कि चोरी के बाद भी आरोपी सोने और आभूषणों की कीमत को लेकर लगातार सर्च करता रहा। चोरी करने से पहले देखी ये फिल्म एसपी अवधेश दीक्षित ने आगे बताया, दीपक पेशेवर चोर रहा है। वो हमेशा मंदिर पर ही अपना टारगेट रखता था। आरोपी लगातार इस तरह की फिल्में देखता था, जो चोरी से जुड़ी होती थीं। इतना ही नहीं चोरी से पहले उसने बिहार बेस्ड एक मूवी देखी थी जिसमें पुलिस कैसे क्रिमिनल तक पहुंचती है उसकी डिटेलिंग थी। वहीं, इस मामले में मंदिर प्रशासन या किसी और की संलिपत्ता नहीं आई है। दूसरे आरोपी की तलाश जारी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया, दूसरे आरोपी की पहचान कर ली गई है और उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही चोरी किए गए आभूषण भी बरामद कर लिए जाएंगे। इस चोरी में पुलिस की तरफ से भी घोर लापरवाही हुई थी। इसकी वजह से जो भी पुलिसकर्मी इसमें लापरवाह पाए गए थे, उनपर एक्शन हुआ है। गोपालगंज के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल थावे भवानी मंदिर में हुई 1.08 करोड़ की चोरी का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस चोरी कांड के मास्टरमाइंड दीपक राय को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि उसके एक अन्य साथी की तलाश जारी है। पुलिस के अनुसार यह चोरी पूरी तरह पेशेवर तरीके से की गई थी, जिसकी प्लानिंग आरोपी ने कई दिनों तक रेकी और टेक्निकल स्टडी के बाद की थी। बता दें कि 17 दिसंबर की रात चोरों ने थावे भवानी मंदिर के गर्भगृह में घुसकर मां दुर्गा की प्रतिमा से सोने-चांदी के हार, लॉकर में रखा मुकुट और अन्य बहुमूल्य आभूषण चुरा लिए थे। इसके साथ ही मंदिर परिसर में रखा करीब 50 किलो वजनी दानपेटी भी चोर उठा ले गए थे। चोरी गए सामान की अनुमानित कीमत करीब 1.08 करोड़ रुपए आंकी गई थी। सीसीटीवी में कैद हुई चोरी की तस्वीरें देखिए… 12 SIT टीमों का गठन, 5 दिन तक लगातार छापेमारी एसपी अवधेश दीक्षित ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया, इस बड़े कांड के खुलासे के लिए 12 विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया था। पांच दिनों तक बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में लगातार छापेमारी की गई। तकनीकी साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सर्विलांस के आधार पर पुलिस उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के जमुनिया थाना क्षेत्र तक पहुंची। यहां से देवानंद राय के बेटे दीपक राय को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। सख्ती से पूछताछ के दौरान दीपक ने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया। पहले भी कई मंदिर चोरी में शामिल रहा है आरोपी एसपी ने बताया कि दीपक राय पेशेवर मंदिर चोर है। उसके आपराधिक इतिहास की जांच में सामने आया कि वह पहले भी कई मंदिर चोरी की घटनाओं में शामिल रहा है। मार्च 2025 में उसने मध्यप्रदेश के महू जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित शीतला माता मंदिर में चोरी की थी। उस मामले में वह जेल गया था और 13 नवंबर 2025 को जेल से छूटकर बाहर आया था। जेल से छूटते ही मंदिरों की रेकी शुरू कर दी जेल से बाहर आने के बाद दीपक ने फिर से चोरी की योजना बनानी शुरू कर दी। उसने गोपालगंज के थावे मंदिर और पुणे के एक बड़े मंदिर की रेकी शुरू की। आरोपी ने गूगल सर्च के जरिए मंदिर के स्ट्रक्चर, गर्भगृह, मां दुर्गा के मुकुट और आभूषणों की पूरी जानकारी निकाली। पुलिस के अनुसार दीपक ने मोबाइल में मंदिर से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी सर्च की थी। यही कारण है कि चोरी इतनी सटीक और योजनाबद्ध तरीके से की गई। 10-11 दिसंबर को की थी फाइनल रेकी एसपी अवधेश दीक्षित ने आगे बताया, दीपक ने 10 और 11 दिसंबर की रात थावे मंदिर में आकर खुद रेकी की थी। उसने तय किया कि मंदिर में कहां से प्रवेश करना है, गर्भगृह तक कैसे पहुंचना है और चोरी के बाद सुरक्षित निकलने का रास्ता कौन-सा होगा। पूरी रणनीति तैयार करने के बाद ही 17 दिसंबर की रात उसने अपने साथी के साथ चोरी की घटना को अंजाम दिया। अर्धनिर्मित मकान से रस्सी के सहारे मंदिर में घुसा जिस तरह से चोरी की गई, ठीक उसी तरह रेकी भी की गई थी। मंदिर के पीछे मौजूद एक अर्धनिर्मित मकान से रस्सी के सहारे दीपक और उसका साथी मंदिर परिसर में दाखिल हुए। इसके बाद गर्भगृह में पहुंचकर मां दुर्गा के बहुमूल्य आभूषण और दानपेटी चोरी कर ली। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी गांव के रास्तों से निकलते हुए अपने घर पहुंच गया। आभूषण साथी को सौंप दिए, खुद को बचाने की साजिश पुलिस ने बताया कि दीपक ने चोरी के आभूषण अपने पास नहीं रखे थे। उसने सभी कीमती गहने अपने दूसरे साथी को सौंप दिए थे, ताकि अगर वह पकड़ा जाए तो उसके पास से कोई बरामदगी न हो सके। यही कारण है कि अभी तक आभूषण बरामद नहीं हो सके हैं। आरोपी से कई अहम सामान बरामद पुलिस ने दीपक राय के पास से रॉड कटर, चोरी के समय पहने गए कपड़े, मोबाइल फोन (जिसमें थावे मंदिर की पूरी सर्च हिस्ट्री मिली), बाइक, बैग(जिसमें चोरी के आभूषण डाले थे) बरामद किए हैं। मोबाइल फोन की जांच में यह भी सामने आया कि चोरी के बाद भी आरोपी सोने और आभूषणों की कीमत को लेकर लगातार सर्च करता रहा। चोरी करने से पहले देखी ये फिल्म एसपी अवधेश दीक्षित ने आगे बताया, दीपक पेशेवर चोर रहा है। वो हमेशा मंदिर पर ही अपना टारगेट रखता था। आरोपी लगातार इस तरह की फिल्में देखता था, जो चोरी से जुड़ी होती थीं। इतना ही नहीं चोरी से पहले उसने बिहार बेस्ड एक मूवी देखी थी जिसमें पुलिस कैसे क्रिमिनल तक पहुंचती है उसकी डिटेलिंग थी। वहीं, इस मामले में मंदिर प्रशासन या किसी और की संलिपत्ता नहीं आई है। दूसरे आरोपी की तलाश जारी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया, दूसरे आरोपी की पहचान कर ली गई है और उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही चोरी किए गए आभूषण भी बरामद कर लिए जाएंगे। इस चोरी में पुलिस की तरफ से भी घोर लापरवाही हुई थी। इसकी वजह से जो भी पुलिसकर्मी इसमें लापरवाह पाए गए थे, उनपर एक्शन हुआ है।  

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