उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि माता सीता के जन्म स्थान पुनौराधाम में भव्य मंदिर निर्माण के बाद एक भव्य, आधुनिक, सुव्यवस्थित और विकसित शहर भी बसाया जाएगा, जिसे सीतापुरी के नाम से जाना जाएगा। वे रविवार को विद्यापति भवन में अनुपम मुहिम के अनुपम डेग संस्था की ओर से आयोजित वैदेही सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में मजदूरी के लिए बिहार से बाहर जाने वाले लोगों को अपने ही राज्य में रोजगार उपलब्ध कराया जाए। कोसी क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और खगड़िया जैसे इलाके लंबे समय तक बाढ़ से प्रभावित रहे हैं। पिछले 20 वर्षों में लगभग 10 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया गया है। कोसी नदी को लेकर जो कभी अभिशाप की धारणा थी, उसे आज अवसर में बदला जा रहा है। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी ने कहा कि वैदेही सम्मान समारोह सह सांस्कृतिक कार्यक्रम से स्थानीय कलाकारों में छिपी प्रतिभा सामने आती है। ऐसे आयोजनों से सकारात्मक कार्य वातावरण और लिविंग टुगेदर की भावना विकसित होती है। अन्य वक्ताओं ने बिहार की कला, संस्कृति, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोगों की पहचान कर सम्मानित करने की पहल की सराहना की। साथ ही इसे समाज के लिए प्रेरणादायी प्रयास बताया। मूक-बधिर बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहा कार्यक्रम में पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, चेतना समिति के अध्यक्ष विवेकानन्द झा, मीरा मिश्र, विवेक मुस्कान, रंजीत झा, गायक माधव राय, शैलेन्द्र झा और भोला झा समेत कई विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। झिझिया नृत्य, कजरी-मिथिला पर्व की झांकी और मूक-बधिर बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण के केंद्र रहे। समारोह को सफल बनाने में संस्था की अध्यक्ष अनुपम झा, कंचन ठाकुर, सुषमा झा, प्रीति झा, प्रभा मिश्र, प्रगति सोनी, किशोर चौधरी, सुधानंदन, प्रशांत मिश्र और संतोष कुमार झा आदि सक्रिय रहे। उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि माता सीता के जन्म स्थान पुनौराधाम में भव्य मंदिर निर्माण के बाद एक भव्य, आधुनिक, सुव्यवस्थित और विकसित शहर भी बसाया जाएगा, जिसे सीतापुरी के नाम से जाना जाएगा। वे रविवार को विद्यापति भवन में अनुपम मुहिम के अनुपम डेग संस्था की ओर से आयोजित वैदेही सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में मजदूरी के लिए बिहार से बाहर जाने वाले लोगों को अपने ही राज्य में रोजगार उपलब्ध कराया जाए। कोसी क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और खगड़िया जैसे इलाके लंबे समय तक बाढ़ से प्रभावित रहे हैं। पिछले 20 वर्षों में लगभग 10 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया गया है। कोसी नदी को लेकर जो कभी अभिशाप की धारणा थी, उसे आज अवसर में बदला जा रहा है। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी ने कहा कि वैदेही सम्मान समारोह सह सांस्कृतिक कार्यक्रम से स्थानीय कलाकारों में छिपी प्रतिभा सामने आती है। ऐसे आयोजनों से सकारात्मक कार्य वातावरण और लिविंग टुगेदर की भावना विकसित होती है। अन्य वक्ताओं ने बिहार की कला, संस्कृति, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोगों की पहचान कर सम्मानित करने की पहल की सराहना की। साथ ही इसे समाज के लिए प्रेरणादायी प्रयास बताया। मूक-बधिर बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहा कार्यक्रम में पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, चेतना समिति के अध्यक्ष विवेकानन्द झा, मीरा मिश्र, विवेक मुस्कान, रंजीत झा, गायक माधव राय, शैलेन्द्र झा और भोला झा समेत कई विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। झिझिया नृत्य, कजरी-मिथिला पर्व की झांकी और मूक-बधिर बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण के केंद्र रहे। समारोह को सफल बनाने में संस्था की अध्यक्ष अनुपम झा, कंचन ठाकुर, सुषमा झा, प्रीति झा, प्रभा मिश्र, प्रगति सोनी, किशोर चौधरी, सुधानंदन, प्रशांत मिश्र और संतोष कुमार झा आदि सक्रिय रहे।


