बसपा के बिहार प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस कदम से बिहार में पार्टी के लिए सियासी चुनौतियां बढ़ गई हैं। कुमार ने अपने त्यागपत्र में निजी कारणों का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि वे अब पार्टी को अपना पूरा समय और योगदान नहीं दे सकते। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे स्वेच्छा से प्रदेश प्रभारी पद छोड़ रहे हैं और बसपा की प्राथमिक सदस्यता भी त्याग रहे हैं। इस दौरान उन्होंने पार्टी नेतृत्व, विशेषकर अध्यक्ष मायावती, को मिले समर्थन और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब बसपा आगामी 2025 विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में पहले से ही कमजोर स्थिति में है। इस कदम से पार्टी में संगठनात्मक कमजोरी और नेतृत्व-विहीनता की स्थिति पैदा हो सकती है, जिसका असर बसपा की रणनीति और भविष्य की दिशा पर पड़ सकता है। पार्टी ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया पार्टी ने अभी तक इस इस्तीफे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, माना जा रहा है कि जल्द ही नए बिहार प्रभारी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। बता दें कि अनिल कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में बक्सर सीट से बसपा के उम्मीदवार थे। उन्होंने 1,14,714 वोट प्राप्त कर तीसरा स्थान हासिल किया था। इस इस्तीफे के बाद, बसपा को आगामी 2025 विधानसभा चुनावों से पहले अपने शीर्ष संगठनात्मक नेतृत्व में बदलाव का सामना करना पड़ रहा है। इस घटनाक्रम का असर आने वाले दिनों में पार्टी की चुनावी तैयारियों और प्रदर्शन पर स्पष्ट रूप से दिख सकता है। बसपा के बिहार प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस कदम से बिहार में पार्टी के लिए सियासी चुनौतियां बढ़ गई हैं। कुमार ने अपने त्यागपत्र में निजी कारणों का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि वे अब पार्टी को अपना पूरा समय और योगदान नहीं दे सकते। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे स्वेच्छा से प्रदेश प्रभारी पद छोड़ रहे हैं और बसपा की प्राथमिक सदस्यता भी त्याग रहे हैं। इस दौरान उन्होंने पार्टी नेतृत्व, विशेषकर अध्यक्ष मायावती, को मिले समर्थन और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब बसपा आगामी 2025 विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में पहले से ही कमजोर स्थिति में है। इस कदम से पार्टी में संगठनात्मक कमजोरी और नेतृत्व-विहीनता की स्थिति पैदा हो सकती है, जिसका असर बसपा की रणनीति और भविष्य की दिशा पर पड़ सकता है। पार्टी ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया पार्टी ने अभी तक इस इस्तीफे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, माना जा रहा है कि जल्द ही नए बिहार प्रभारी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। बता दें कि अनिल कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में बक्सर सीट से बसपा के उम्मीदवार थे। उन्होंने 1,14,714 वोट प्राप्त कर तीसरा स्थान हासिल किया था। इस इस्तीफे के बाद, बसपा को आगामी 2025 विधानसभा चुनावों से पहले अपने शीर्ष संगठनात्मक नेतृत्व में बदलाव का सामना करना पड़ रहा है। इस घटनाक्रम का असर आने वाले दिनों में पार्टी की चुनावी तैयारियों और प्रदर्शन पर स्पष्ट रूप से दिख सकता है।


