दरभंगा जिला के बहेड़ी प्रखंड क्षेत्र के अटहर दक्षिणी पंचायत अंतर्गत ब्लॉट गांव में गुरुवार की शाम हुई दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को शोक में डूबो दिया। गांव के 13 साल के नाबालिग सत्यम कुमार (पुत्र- रंजय राम) का शव शनिवार की शाम कमला नदी से 48 घंटे बाद बरामद किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि गुरुवार की देर शाम सत्यम सामा प्रवाह करने गया था। पूजा-अर्चना के बाद वह जब अपने कपड़े से पैसे निकालने के लिए नदी किनारे गया, तभी अचानक उसका पैर फिसल गया और वह तेज धार में बह गया। नदी में बहाव और जलकुंभी की अधिकता के कारण ग्रामीणों को उसकी तलाश में काफी मशक्कत करनी पड़ी। घटना की सूचना के बाद पहुंचे बहेड़ी सीओ और थाना की पुलिस घटना की सूचना मिलते ही बहेड़ी सीओ और थाना पुलिस मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन को तुरंत गोताखोरों की व्यवस्था करनी चाहिए थी,जिससे खोज कार्य तेज़ी से हो पाता।नदी में कीचड़ और जलकुंभी की अधिकता ने तलाशी अभियान को कठिन बना दिया। मृतक के चाचा संजय राम ने बताया कि सत्यम सातवीं कक्षा में पढ़ता था और परिवार का सबसे छोटा बेटा था। पिता रंजय राम मजदूरी कर किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करते हैं। संजय राम ने कहा, “बच्चा तो चला गया, लेकिन सरकार से हमारी मांग है कि आपदा प्रबंधन मद से मिलने वाली सहायता राशि इस गरीब परिवार को अवश्य दी जाए, ताकि उनके जीवन-यापन में कुछ सहारा मिल सके।” गांव में इस हादसे के बाद गम का माहौल है। परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कमला नदी के किनारों पर सुरक्षा उपाय, चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा बाड़ लगाई जाए,ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। दरभंगा जिला के बहेड़ी प्रखंड क्षेत्र के अटहर दक्षिणी पंचायत अंतर्गत ब्लॉट गांव में गुरुवार की शाम हुई दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को शोक में डूबो दिया। गांव के 13 साल के नाबालिग सत्यम कुमार (पुत्र- रंजय राम) का शव शनिवार की शाम कमला नदी से 48 घंटे बाद बरामद किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि गुरुवार की देर शाम सत्यम सामा प्रवाह करने गया था। पूजा-अर्चना के बाद वह जब अपने कपड़े से पैसे निकालने के लिए नदी किनारे गया, तभी अचानक उसका पैर फिसल गया और वह तेज धार में बह गया। नदी में बहाव और जलकुंभी की अधिकता के कारण ग्रामीणों को उसकी तलाश में काफी मशक्कत करनी पड़ी। घटना की सूचना के बाद पहुंचे बहेड़ी सीओ और थाना की पुलिस घटना की सूचना मिलते ही बहेड़ी सीओ और थाना पुलिस मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन को तुरंत गोताखोरों की व्यवस्था करनी चाहिए थी,जिससे खोज कार्य तेज़ी से हो पाता।नदी में कीचड़ और जलकुंभी की अधिकता ने तलाशी अभियान को कठिन बना दिया। मृतक के चाचा संजय राम ने बताया कि सत्यम सातवीं कक्षा में पढ़ता था और परिवार का सबसे छोटा बेटा था। पिता रंजय राम मजदूरी कर किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करते हैं। संजय राम ने कहा, “बच्चा तो चला गया, लेकिन सरकार से हमारी मांग है कि आपदा प्रबंधन मद से मिलने वाली सहायता राशि इस गरीब परिवार को अवश्य दी जाए, ताकि उनके जीवन-यापन में कुछ सहारा मिल सके।” गांव में इस हादसे के बाद गम का माहौल है। परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कमला नदी के किनारों पर सुरक्षा उपाय, चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा बाड़ लगाई जाए,ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।


