Ayurveda Hospital: आयुर्वेद से उपचार के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा। शहर के बीचों बीच पांच करोड़ की लागत से जिला आयुर्वेदिक अस्पताल का विस्तार किया जा रहा है। जहां पंचकर्म से लेकर जड़ी बूटियों से उपचार और सर्जरी की आधुनिक सुविधा होगी। आयुष विभाग ने बजट को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद काम शुरू हो गया। यह दो साल में पूरा होगा। शिवाजी नगर में जिला आयुर्वेदिक अस्पताल हैं, जो जर्जर रहवासी क्वार्टर में संचलित हो रहा है। इसी के छोटे कमरों में चिकित्सक हैं तो वहीं ऐसे ही हाल में मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं।
अब तक डेढ़ सौ मरीज हर रोज
एलोपैथी और दूसरी चिकित्सा पद्धति की बजाय आयुर्वेद से इलाज के लिए लोगों की संख्या बढ़ी है। चिकित्सकों के मुताबिक अभी डेढ़ सौ मरीज हर रोज आते हैं। भवन और इंतजाम बेहतर होने के बाद यहां लोग और बढ़ेंगे।
आयुर्वेद से इलाज के लिए राजधानी में दूसरा सबसे बड़ा सेंटर
आयुर्वेद से इलाज के लिए राजधानी खुशीलाल महाविद्यालय सबसे बड़ा सेंटर हैं। उसके बाद यह दूसरा होगा। हर जिले में आयुर्वेदिक अस्पताल हैं। इनमें आयुर्वेद के साथ यूनानी और होम्योपैथी भी शामिल है। जबकि केवल आयुर्वेद में इलाज करने वाला जिलों में सबसे बड़ा होगा।
प्राकृतिक चिकित्सा की ओर शहर का रुझान
प्राकृतिक चिकित्सा की ओर लोगों का रूझान बढ़ा है। वन मेले में यह हकीकत सामने आई। यहां पांच दिन में एक करोड़ रुपए से ज्यादा की जड़ी बूटी लोगों ने खरीदी हैं। इलाज के लिए भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
ये होंगे नए इंतजाम
– ओपीडी के लिए हॉल, मरीजों को बैठने के लिए व्यवस्था
– बेड संख्या बढ़कर 30 होगी
– इलाज के लिए पंचकर्म और दवा वितरण के नए इंतजाम
शुरू हो गया है काम
राजधानी भोपाल में आयुर्वेद चिकित्सा की व्यवस्था होगी। अस्पताल भवन नया बनेगा। इसके लिए काम शुरू हो गया है। करीब पांच करोड़ से यह तैयार होना है।
-डॉ शशांक झा, जिला आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी


