क्राइम रिपोर्टर | बिलासपुर अधिवक्ता की मौत आत्महत्या नहीं, बल्कि हादसे की ओर इशारा कर रही है। दरअसल घटना के छह दिन बाद वह आरक्षक सामने आया जिसने हादसे की सूचना दी थी और उसने उस रात वकील की बाइक को पुल के ऊपर गिरा हुआ देखा। सरकंडा थाने में पदस्थ सीसीटीएनएस आरक्षक ने घर जाते समय बाइक देखी थी। बाइक पर चाबी लगी थी। उसने कंट्रोल रूम को सूचना दी, जिसके बाद सिविल लाइन पेट्रोलिंग टीम बाइक को थाने लेकर आई। जहां बाइक पड़ी थी, वहीं दीवार पर बाइक के रगड़ाने से खरोच के निशान भी पुलिस को मिले हैं। हालांकि बाइक में रगड़ने या टकराने के निशान नहीं है। पुलिस का अनुमान है कि नशे में बाइक दीवार से टकराने के बाद वह नदी में गिर गया। पुलिस की जांच इसी दिशा में आगे बढ़ रही है। बुधवार को कोतवाली सीएसपी (आईपीएस प्रशिक्षु) गगन कुमार और टीआई देवेश राठौर घटना स्थल पहुंचे। उन्होंने मौके पर सीसीटीएनएस के आरक्षक भूषण वर्मा को भी बुलाया। आरक्षक ने बताया कि बाइक रात करीब 3 बजे रामसेतु पर गिरी पड़ी थी। उसने कंट्रोल रूम में लावारिस बाइक की सूचना दी थी। आरक्षक ने सीएसपी और टीआई को वह जगह भी दिखाई, जहां बाइक पड़ी थी। टीआई ने दीवार को नजदीक से देखा तो उसमें बाइक के स्क्रैच के निशान मिले। इससे पहले पुलिस को अधिवक्ता की एक चप्पल रामसेतु पर मिली थी। शव पंचनामा के दौरान उसके कपड़े फटे हुए पाए गए थे। इसलिए पुलिस आत्महत्या और सड़क हादसा दोनों एंगल से जांच कर रही थी। अब पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में राहुल के रामसेतु में प्रवेश करने के बाद कई मिनट तक कोई अन्य बाइक या चारपहिया वाहन नहीं दिखा। ऐसे में पुलिस अब हादसे के एंगल को ही मजबूत मान रही है। मौके पर जांच करते अधिकारी, बाइक जहां पड़ी थी वह जगह बताता आरक्षक। कोतवाली टीआई देवेश राठौर ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अधिवक्ता राहुल अग्रवाल की मौत पानी में डूबने से हुई पाई गई है। शरीर के एक हिस्से पर खरोच के निशान मिले हैं। इसी आधार पर पुलिस दोनों एंगल से जांच कर रही थी। बुधवार को मौके की जांच के दौरान रामसेतु की कंक्रीट रेलिंग पर भी बाइक से हुए खरोंच के निशान मिले हैं।


