पंजाब के अमृतसर से किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने मोर्चा खोल दिया है। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए बिजली संशोधन बिल 2025 के विरोध में कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि यह बिल राज्यों के अधिकार क्षेत्र में सीधी दखलअंदाजी है और इसे किसी भी हालत में लागू नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी यह खामोशी केंद्र सरकार के साथ खड़े होने की नीति दर्शाती है। पंधेर ने कहा कि बिल के कई प्रावधान ऐसे हैं जो व्यापारियों और मिल मालिकों को छूट देकर किसानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। मोदी सरकार और भगवंत मान सरकार के पुतले फूंके गे किसान उन्होंने कहा कि बिजली राज्यों का विषय है, इसलिए केंद्र को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। साथ ही उन्होंने 1948 के पुराने बिजली कानून की पुनर्बहाली की मांग की। उन्होंने बताया कि किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने 15, 16 और 17 नवंबर को पूरे पंजाब में गांव-गांव स्तर पर किसान-मजदूर मोर्चे आयोजित करने का कार्यक्रम तय कर लिया है। इन प्रदर्शनों के दौरान मोदी सरकार और भगवंत मान सरकार के पुतले फूंके जाएंगे। पंधेर ने केंद्र सरकार द्वारा धान में बदरंग या टूटे दानों पर 5 से 10 प्रतिशत की छूट देने की नीति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि यह नीति वास्तव में किसानों के हित में है या फिर सिर्फ व्यापारियों और मिल मालिकों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है। पंधेर ने सरकारों से अपील की कि सार्वजनिक नीतियां कमजोर और मेहनतकश वर्गों के हक में बनाई जाएं।


