रामगढ़ जिले के मांडू कुजू मुरपा इलाके के जंगलों में इन दिनों जंगली हाथियों ने आतंक मचा रखा है। वन विभाग के अनुसार, इस क्षेत्र में लगभग 42 हाथियों का झुंड है। हाथियों के झुंड की उपस्थिति को लेकर विभाग ने आम जनता और किसानों को चेतावनी जारी की है कि जंगलों में प्रवेश न करें। इसके बावजूद हाथियों ने मुरपा स्थित शिबू टोला डुमरबेडा के पोखरया के खेतों में धान की खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। स्थानीय किसान सुखराम मांझी, असनुल होदा, रफीक अंसारी और एकबाल अंसारी सहित अन्य किसानों ने बताया कि हाथियों ने उनके खेतों में प्रवेश कर धान की फसल को पूरी तरह रौंद डाला। सुखराम मांझी ने कहा हम गरीब किसान हैं और हमारी मुख्य आय धान की फसल से ही होती है। यह फसल हमारे परिवार के जीविकोपार्जन का प्रमुख साधन है। किसानों ने वन विभाग और प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग की है। लोगों में दहशत का माहौल हाथियों का झुंड शाम होते ही जंगल से निकलकर गांव की ओर आने लगा है। इससे लोगों में भय का माहौल है। स्थानीय निवासी डर के कारण ठंडे मौसम में भी घर की छत पर सोने को मजबूर हैं। वन विभाग की टीम हाथियों पर नजर बनाए हुए है, लेकिन झुंड के कई अलग-अलग दिशाओं में भटकने के कारण विभाग को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पूरे मामले पर डीएफओ नीतीश कुमार गुप्ता ने बताया कि हाथियों को उक्त क्षेत्र से हटाने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि विभाग लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है। किसानों की सुरक्षा व फसल के संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों ने की मुआवजे की मांग किसान चाहते हैं कि उन्हें तुरंत मुआवजा मिले ताकि उनके परिवार की रोजी-रोटी प्रभावित न हो। वहीं वन विभाग के लिए यह चुनौती बड़ी है कि हाथियों को सुरक्षित तरीके से जंगल की ओर वापस लौटाया जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए उचित योजना बनाई जाए। रामगढ़ जिले के मांडू कुजू मुरपा इलाके के जंगलों में इन दिनों जंगली हाथियों ने आतंक मचा रखा है। वन विभाग के अनुसार, इस क्षेत्र में लगभग 42 हाथियों का झुंड है। हाथियों के झुंड की उपस्थिति को लेकर विभाग ने आम जनता और किसानों को चेतावनी जारी की है कि जंगलों में प्रवेश न करें। इसके बावजूद हाथियों ने मुरपा स्थित शिबू टोला डुमरबेडा के पोखरया के खेतों में धान की खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। स्थानीय किसान सुखराम मांझी, असनुल होदा, रफीक अंसारी और एकबाल अंसारी सहित अन्य किसानों ने बताया कि हाथियों ने उनके खेतों में प्रवेश कर धान की फसल को पूरी तरह रौंद डाला। सुखराम मांझी ने कहा हम गरीब किसान हैं और हमारी मुख्य आय धान की फसल से ही होती है। यह फसल हमारे परिवार के जीविकोपार्जन का प्रमुख साधन है। किसानों ने वन विभाग और प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग की है। लोगों में दहशत का माहौल हाथियों का झुंड शाम होते ही जंगल से निकलकर गांव की ओर आने लगा है। इससे लोगों में भय का माहौल है। स्थानीय निवासी डर के कारण ठंडे मौसम में भी घर की छत पर सोने को मजबूर हैं। वन विभाग की टीम हाथियों पर नजर बनाए हुए है, लेकिन झुंड के कई अलग-अलग दिशाओं में भटकने के कारण विभाग को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पूरे मामले पर डीएफओ नीतीश कुमार गुप्ता ने बताया कि हाथियों को उक्त क्षेत्र से हटाने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि विभाग लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है। किसानों की सुरक्षा व फसल के संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों ने की मुआवजे की मांग किसान चाहते हैं कि उन्हें तुरंत मुआवजा मिले ताकि उनके परिवार की रोजी-रोटी प्रभावित न हो। वहीं वन विभाग के लिए यह चुनौती बड़ी है कि हाथियों को सुरक्षित तरीके से जंगल की ओर वापस लौटाया जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए उचित योजना बनाई जाए।


