रामपुर में शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सांसद मोहिबुल्लाह नदवी से मुलाकात की। उन्होंने टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की अनिवार्यता के विरोध में प्रधानमंत्री भारत सरकार को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। यह मुलाकात टीचर फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय आह्वान पर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री चरन सिंह के नेतृत्व में संत शिरोमणि गेस्ट हाउस में हुई। शिक्षकों ने सांसद को बताया कि 1 सितंबर 2025 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय से देशभर के लगभग 25 लाख और उत्तर प्रदेश के करीब 2 लाख शिक्षक प्रभावित हुए हैं। इस फैसले के कारण शिक्षक और उनके परिवार आर्थिक तथा मानसिक रूप से परेशान हैं, जिससे उनका मनोबल लगातार गिर रहा है।चरन सिंह ने सांसद नदवी को अवगत कराया कि 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त सभी शिक्षकों ने अपनी नियुक्ति के समय सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की थीं। उन्होंने सांसद से आग्रह किया कि वे शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता से संबंधित इस मसले को संसद में उठाएं और इसका समाधान सुनिश्चित करें।सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि यह लाखों शिक्षकों के जीवन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। उन्होंने कहा कि वह इस मसले को संसद में पूरी मजबूती से उठाएंगे, ताकि शिक्षकों के हितों की रक्षा हो सके और वे बिना किसी बाधा के राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान जारी रख सकें। ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में चरन सिंह (जिला मंत्री, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ), डॉ. सरफराज अहमद (जिला उपाध्यक्ष), नरेंद्र सैनी (ब्लॉक अध्यक्ष), मनोज कुमार (ब्लॉक मंत्री), प्रसन्न प्रकाश (तहसील प्रभारी), राजेंद्र सिंह (तहसील प्रभारी), अमितेश झा (कोषाध्यक्ष) सहित रामप्रसाद, दिनेश कुमार, धर्मेंद्र कुमार, सलीम अहमद, विपिन कुमार, अशोक रावत, रामकिशोर और बाबूराम जैसे अन्य पदाधिकारी व शिक्षक उपस्थित थे। यह जानकारी सांसद के मीडिया प्रभारी एडवोकेट महबूब अली पाशा ने दी।


