गोंडा में शिक्षक संघर्ष समिति के बैनर तले शिक्षकों, अनुदेशकों और रसोइयों ने वित्त एवं लेखा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकों ने गोंडा के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अतुल कुमार तिवारी को महानिदेशक स्कूल शिक्षा और वित्त नियंत्रक, उत्तर प्रदेश को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। शिक्षक संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि पिछले 10 से 15 वर्षों से एक ही पटल पर तैनात लिपिकों के तबादले नहीं हुए हैं। वहीं, पिछले पांच माह से स्थायी वित्त एवं लेखा अधिकारी की अनुपस्थिति के कारण विभाग में अव्यवस्था बढ़ गई है। समिति का कहना है कि लंबे समय से एक ही पटल पर तैनाती के कारण कुछ बाबू मनमानी कर रहे हैं, जिससे गोंडा जिले के हजारों शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के वेतन, एरियर और बोनस भुगतान में हर महीने देरी हो रही है। शिक्षक बोले-अब तक दीपावली बोनस नहीं मिला शिक्षकों ने बताया कि ऑनलाइन प्रक्रिया लागू होने के बावजूद भुगतान की समस्याएं लगातार बनी हुई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बाद भी परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को अब तक दीपावली बोनस नहीं मिला है। समिति ने यह भी बताया कि स्थायी वित्त एवं लेखा अधिकारी (बेसिक) न होने के कारण पटल सहायकों द्वारा कार्यों में मनमानी बढ़ गई है। कार्यालय में अक्सर ताला लटका रहता है और कोई पटल सहायक मौजूद नहीं रहता। इसके बावजूद इन कर्मचारियों को वेतन का भुगतान जारी है, जिससे विभाग की छवि धूमिल हो रही है। शीघ्र समाधान किया जाएगा-BSA शिक्षक संघर्ष समिति का आरोप है कि गोंडा जिले के एडेड स्कूलों में फर्जी नियुक्तियों और करोड़ों रुपए के घोटाले की जांच यूपी एसटीएफ कर रही है। जांच में कुछ पटल सहायकों के नाम सामने आने के बाद वे कार्यालय आने से कतराने लगे हैं। इसी वजह से स्थायी लेखा अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पा रही है और भुगतान प्रक्रियाएं बाधित हो रही हैं। अध्यापकों ने यह भी आरोप लगाया कि शासनादेश के अनुसार हर माह की पहली तारीख को वेतन मिलना चाहिए था, लेकिन अक्टूबर माह का वेतन अब तक नहीं मिला है। बैंकों में आईएफएससी कोड अपडेट न होने और प्रभारी वित्त एवं लेखा अधिकारी के मेडिकल अवकाश पर जाने से भुगतान प्रक्रिया ठप पड़ी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि शिक्षक संघर्ष समिति के संयोजक सतीश पांडे समेत अन्य प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं रखीं। ज्ञापन को उच्चाधिकारियों को अग्रेषित कर दिया गया है और शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया गया है।


