Tattoo se Cancer Hota Hai Kya : टैटू बनाने का क्रेज बच्चे और युवाओं में खूब है। डेनिश ट्विन टैटू सर्वे (2021) ने 11 हजार से अधिक जुड़वा बच्चों से डेटा एकत्र किया, जिससे पता चला कि टैटू का चलन कितनी तेजी से बढ़ रहा है। इस सर्वे में देखने को मिला कि 25 वर्ष की आयु तक 40% युवा महिलाओं और 30% युवा पुरुषों में टैटू का क्रेज अधिक है। साथ ही इसी सर्वे में टैटू से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा भी बताया गया।
आइए, एक सेलेब टैटू आर्टिस्ट करण से जानते हैं कि कैंसर का खतरा कितना अधिक होता है, आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए आदि।

क्या टैटू से कैंसर, एड्स जैसी बीमारियों का खतरा है?
टैटूग्राफर करण कहते हैं, 13 साल की उम्र से मैं टैटू बनवा रहा हूं और बतौर आर्टिस्ट काम करते हुए भी 20 साल से अधिक हो चुके हैं। मैंने ऐसा अनुभव नहीं किया है और ना ही मेरे स्टूडियो के पास इस तरह की कोई शिकायत आई है। मैं मानता हूं कि ये एक पुरानी भ्रांति है कि टैटू से बीमारियों का खतरा है। दरअसल, बात हाइजीन और सुरक्षा की है। अगर आप किसी विश्वसनीय जगह से टैटू बनवाते हैं तो वहां पर इंक से लेकर हर बात का ध्यान रखना होता है। इसके अलावा टैटू बनवाने के बाद भी कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। हम टैटू को पूरी तरह से खतरनाक नहीं कह सकते।
टैटू इंक है कैंसर कारक
कैंसर काउंसिल, ऑस्ट्रेलिया के मुताबिक, टैटू इंक में कैंसर को जन्म देने वाली चीजें पाई गई। साल 2016 में ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य विभाग (Australian Government’s Department of Health), नेशनल इंडस्ट्रीयल केमिकल्स नोटिफिकेशन और NICNAS ने 49 टैटू इंक पर जांच करके रिपोर्ट बनाई थी। इस रिपोर्ट में कैंसर कारक वाली बात सामने आई थी। इसके अलावा डेनिश ट्विन टैटू सर्वे (2021) और प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वेक्षण में भी इसका उल्लेख है।
अध्ययन में पाया गया है कि टैटू से लिम्फोमा का खतरा बढ़ सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि टैटू के इंक से स्किन कैंसर का जोखिम 29 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। टैटूग्राफर करण कहते हैं, अगर टैटू बनवाते वक्त गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए तो बीमारियों का खतरा नहीं होता। टैटू आज से नहीं, सालों से साल से लोग बनवाते आ रहे हैं।


