खगड़िया के बेलदौर थाना परिसर में नल-जल योजना महीनों से ठप पड़ी है। थाने के नए भवन में लगा समरसेबल भी लंबे समय से खराब है, जिसके कारण यहां तैनात पुलिसकर्मियों और आसपास के आम नागरिकों को पानी की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पानी की आपूर्ति न होने के कारण, पुलिसकर्मियों को पीने के पानी के लिए लगभग 2 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। यह स्थिति उनकी दैनिक दिनचर्या और ड्यूटी को प्रभावित कर रही है। केवल पुलिसकर्मी ही नहीं, बल्कि थाना क्षेत्र के आसपास रहने वाले आम नागरिक भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं। उनके घरों में नल लगे हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं आता। सरकार की ‘हर घर नल, हर घर जल’ योजना कागजों में भले ही सफल दिखती हो, लेकिन बेलदौर थाना क्षेत्र की यह स्थिति जमीनी हकीकत को दर्शाती है, जहां पानी की व्यवस्था पूरी तरह ठप है। इस संबंध में, एसआई आलमगीर ने बताया कि उन्हें पीने के पानी के लिए तकरीबन 1 किलोमीटर दूर ब्लॉक परिसर जाना पड़ता है। एएसआई सुनील कुमार ने कहा कि चापाकल से निकलने वाला पानी लाल और आयरनयुक्त होता है, जिससे कपड़े धोने पर पीले हो जाते हैं। एसआई उमेश यादव ने बताया कि आयरनयुक्त पानी से नहाने से संक्रमण का खतरा रहता है और उन्हें खाना बनाने के लिए भी पानी खरीदकर लाना पड़ता है। थाना में कार्यरत मुंशी सूरज कुमार चौधरी ने कहा कि पानी की समस्या के कारण वे समय पर चुनावी कार्यों में भी नहीं लग पाते हैं। उन्होंने बेलदौर थाना की स्थिति को ‘काला पानी’ से कम नहीं बताया। खगड़िया के बेलदौर थाना परिसर में नल-जल योजना महीनों से ठप पड़ी है। थाने के नए भवन में लगा समरसेबल भी लंबे समय से खराब है, जिसके कारण यहां तैनात पुलिसकर्मियों और आसपास के आम नागरिकों को पानी की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पानी की आपूर्ति न होने के कारण, पुलिसकर्मियों को पीने के पानी के लिए लगभग 2 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। यह स्थिति उनकी दैनिक दिनचर्या और ड्यूटी को प्रभावित कर रही है। केवल पुलिसकर्मी ही नहीं, बल्कि थाना क्षेत्र के आसपास रहने वाले आम नागरिक भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं। उनके घरों में नल लगे हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं आता। सरकार की ‘हर घर नल, हर घर जल’ योजना कागजों में भले ही सफल दिखती हो, लेकिन बेलदौर थाना क्षेत्र की यह स्थिति जमीनी हकीकत को दर्शाती है, जहां पानी की व्यवस्था पूरी तरह ठप है। इस संबंध में, एसआई आलमगीर ने बताया कि उन्हें पीने के पानी के लिए तकरीबन 1 किलोमीटर दूर ब्लॉक परिसर जाना पड़ता है। एएसआई सुनील कुमार ने कहा कि चापाकल से निकलने वाला पानी लाल और आयरनयुक्त होता है, जिससे कपड़े धोने पर पीले हो जाते हैं। एसआई उमेश यादव ने बताया कि आयरनयुक्त पानी से नहाने से संक्रमण का खतरा रहता है और उन्हें खाना बनाने के लिए भी पानी खरीदकर लाना पड़ता है। थाना में कार्यरत मुंशी सूरज कुमार चौधरी ने कहा कि पानी की समस्या के कारण वे समय पर चुनावी कार्यों में भी नहीं लग पाते हैं। उन्होंने बेलदौर थाना की स्थिति को ‘काला पानी’ से कम नहीं बताया।


