अलवर के सबसे बड़े शिशु अस्पताल के विकास पर 8 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह राशि DMFT (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) से मंजूर हो गई। सोमवार को केंद्रीय मंत्री व अलवर सांसद भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में दिशा की मीटिंग हुई। जिसमें 8 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी दी गई। पिछली बार मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में अलवर के शिशु वार्ड को शिशु अस्पताल बनाने की घोषणा की थी। उसके बाद अब अस्पताल के विकास को लेकर यह राश दी गई है। मीटिंग में वन राज्य मंत्री संजय शर्मा भी मौजूद थे। मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि दिशा की मीटिंग में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले आवास, केंद्रीय निधि से बन रहे आरओबी व सड़क, किसान सोयल हेल्थ कार्ड व सांसद निधि के विकास कार्यों की समीक्षा की गई। अलवर में खेल, स्वास्थ्य, कौशल विकास के क्षेत्र में अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। करीब 30 करोड़ के मॉनिटरिंग फंड के प्रस्ताव पास हुए। शिशु अस्पताल के डिपार्टमेंट की बात लंबे समय से थी। जिसके लए 8 करोड़ रुपए देना मंजूर हुआ है। इसके अलावा गांव व शहरों में खेल में 8 करोड़ रुपए के स्टेडियम व 36 लाइब्रेरी बनी है। केंद्र सरकार की मंशा के अनुसार मॉनिटरिंग फंड का पैसा हाई प्रायोरिटी पर लगना चाहिए। वन राज्य मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अलवर के शिशु वार्ड को शिशु अस्पताल बनाते समय 8 करोड़ रुपए के बजट की घोषणा की थी। दिशा की बैठक सांसद की अध्यक्षता में राज्य केंद्र सरकार के योजनों के कामों की समीक्षा की गई। आने वाले समय में आमजन को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिले। इसे ध्यान में रखते हुए काम होंगे। अवैध खनन को रोकने के लिए पुलिस व खनन विभाग को निर्देशित किया गया है। शिशु विभाग अपग्रेडेशन होगा जिला अस्पताल के शिशु विभाग के अपग्रेडेशन होगा। अस्पताल के शिशु वार्ड में 22 स्वीकृत बेड के मुकाबले 107 बेड का संचालन किया जा रहा है और रोज 500 मरीजों का भार है। एफबीएनसी, एमटीसी, पीआईसीयू, ईटेट और वैक्सीनेशन जैसी यूनिट चल रही हैं। लेकिन, विभाग को वैधानिक दर्जा नहीं मिला है। 14 बाल रोग विशेषज्ञ और 47 नर्सिंग स्टाफ सीमित संसाधनों में काम कर रहे हैं। 2024 के बजट में घोषणा के बाद 100 करोड़ के भवन का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन, मंजूरी नहीं मिली। अब डीएमएफटी फंड से इसे आगे बढ़ाने की तैयारी है।


