Supreme Court ने IndiGo की उड़ानें रद्द किए जाने संबंधी याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया

उच्चतम न्यायालय ने इंडिगो की ओर से सैकड़ों उड़ानें रद्द किए जाने के मामले में न्यायिक हस्तक्षेप के अनुरोध वाली याचिका पर सोमवार को तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा कि केंद्र ने स्थिति का संज्ञान लिया है और इसके समाधान के लिए कदम उठाए हैं।

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि वह इस तथ्य से अवगत है कि लाखों लोग विभिन्न हवाई अड्डों पर परेशानी झेल रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा, “यह एक गंभीर मामला है। लाखों लोग हवाई अड्डों पर परेशानी झेल रहे हैं। हम जानते हैं कि भारत सरकार ने समय पर कार्रवाई की है और इस मुद्दे का संज्ञान लिया है। हम समझते हैं कि लोगों को स्वास्थ्य संबंधी और अन्य महत्वपूर्ण समस्याएं हो सकती हैं।”

एक वकील ने इस मुद्दे का उल्लेख किया और कहा कि पिछले कुछ दिनों में इंडिगो द्वारा कई उड़ानें रद्द की गई हैं और यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा, “उड़ानों के रद्द होने की सूचना यात्रियों को नहीं दी गई।’’ उन्होंने यह भी कहा कि देशभर के 95 हवाई अड्डों पर लगभग 2,500 उड़ानों में देरी के कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है।

सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इंडिगो की उड़ानों में व्यवधान सातवें दिन भी जारी रहा और सोमवार को विमानन कंपनी ने दिल्ली और बेंगलुरु हवाई अड्डों से 250 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं।

दिल्ली हवाई अड्डे से कुल 134 उड़ानें रद्द की गईं, जिनमें रवाना होने वाली 75 और पहुंचने वाली 59 उड़ानें शामिल हैं।
बेंगलुरु हवाई अड्डे से 127 उड़ानें रद्द की गईं, जिनमें रवाना होने वाली 62 और पहुंचने वाली 65 उड़ानें शामिल हैं।

इंडिगो दो दिसंबर से सैकड़ों उड़ानें रद्द करने को लेकर सरकार और यात्रियों दोनों की तीखी आलोचना झेल रही है। कंपनी ने इसके लिए पायलटों की नयी उड़ान ड्यूटी और नियमों में बदलाव का हवाला दिया है। उड़ानें रद्द होने के कारण लाखों यात्री देशभर के हवाई अड्डों पर फंस गए हैं।

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