औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय और अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय दाऊदनगर में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में कुल 1581 मामलों का निपटारा किया गया। विभिन्न मामलों में लगभग 03 करोड़ 56 लाख 95 हजार 504 रुपए का समझौता कराया गया। मोटर दुर्घटना वादों के 3 मामलों में 26.25 लाख रुपए, पारिवारिक मामलों के 31 वाद, आपराधिक सुलह योग्य मामलों के 278 वाद, चेक बाउंस के एक मामले में 8.51 लाख रुपए और अनुमंडल पदाधिकारी न्यायालय, बैंक ऋण, टेलीफोन आदि से संबंधित सैकड़ों मामलों का निपटारा किया गया। पारिवारिक मामलों के निपटारा में जिले ने अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया। राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्घाटन समारोह जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के सभागार में आयोजित हुआ। उद्घाटन समारोह का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष राज कुमार, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय अरुण कुमार, जिला पदाधिकारी सह प्राधिकार की उपाध्यक्ष अभिलाषा शर्मा, पुलिस अधीक्षक अम्बरीश राहुल, जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव तान्या पटेल, जिला विधि संघ के अध्यक्ष विजय कुमार पाण्डेय तथा वकील संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह की ओर से संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया। समारोह में बड़ी संख्या में न्यायिक पदाधिकारी, वकील, बैंक एवं बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के पदाधिकारी तथा वादकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन उप मुख्य विधिक सेवा प्रतिरक्षा प्रणाली के वकील अभिनन्दन कुमार ने किया। स्वागत भाषण में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव तान्या पटेल ने राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह वाद निपटारा का एक प्रभावी और मानवीय माध्यम है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत से न केवल वादकारियों को शीघ्र न्याय मिलता है, बल्कि न्यायालय, जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन पर मुकदमों का बोझ भी कम होता है। इससे समाज में तनाव कम होता है और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनता है। उन्होंने मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि मीडिया के सहयोग से राष्ट्रीय लोक अदालत की गतिविधियां जन-जन तक पहुंचती हैं। जिला वकील संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत सौहार्द और आपसी समझ बढ़ाने वाला मंच है। उन्होंने अधिवक्ताओं की पार्किंग से जुड़े मुद्दों की ओर जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया, जिस पर जिला प्रशासन ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। वहीं जिला विधि संघ के अध्यक्ष विजय कुमार पाण्डेय ने सभी के सहयोग की सराहना करते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। पुलिस अधीक्षक अम्बरीश राहुल ने कहा कि प्रशासन का कार्य कई बार किसी न किसी पक्ष को असंतुष्ट कर देता है, फिर भी कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने शहर में जाम की समस्या, विशेषकर रमेश चौक एवं आसपास के क्षेत्रों में अव्यवस्थित वाहन पार्किंग पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत विवादों के त्वरित और सरल समाधान का प्रभावी माध्यम है, जिससे न्यायालय और प्रशासन का बोझ कम होता है। इसके लिए पुलिस प्रशासन द्वारा लोगों को जागरूक करने और नोटिस तामिला कराने में निरंतर सहयोग किया जाता है। जिला पदाधिकारी सह प्राधिकार की उपाध्यक्ष अभिलाषा शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित होना उनके लिए प्रसन्नता का विषय है। उन्होंने कहा कि ऑप्शनल विवाद समाधान के रूप में राष्ट्रीय लोक अदालत एक सराहनीय पहल है। “विलंब से मिला न्याय, न्याय नहीं होता,” इस सिद्धांत को चरितार्थ करते हुए लोक अदालत मामलों का त्वरित निपटारा करती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अधिक से अधिक मामलों का समाधान कर जनता को न्याय दिलाया जाएगा। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राज कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायालय के लिए एक पर्व की तरह होता है। यह वर्षों पुराने विवादों को समाप्त कर नए सिरे से सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने मीडिया कर्मियों के सहयोग की भी सराहना की। इसके पश्चात जिला जज द्वारा गठित सभी पीठों का दौरा कर वादों के निपटारा की अद्यतन जानकारी ली, जिससे वादकारियों में उत्साह देखने को मिला। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी लाल बिहारी पासवान ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन में सभी के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सफलता सभी के निरंतर प्रयासों का परिणाम है। विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर भी रहा आकर्षण का केंद्र राष्ट्रीय लोक अदालत के साथ-साथ विधिक सेवा सदन में विशेष चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस के अवसर पर आयोजित इस शिविर में आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम और प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना जैसी सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। शिविर में शुगर, बीपी, हीमोग्लोबिन जांच के साथ दवाओं का वितरण किया गया। कई लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड एवं अन्य स्वास्थ्य योजनाओं में निबंधन कर लाभ भी प्रदान किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन में प्राधिकार के उप प्रमुख विधिक रक्षा परामर्श प्रणाली श्री अभिनन्दन कुमार, सहायक अधिवक्ता रंधीर कुमार, चन्दन कुमार मिश्रा, कर्मी एवं अर्ध विधिक स्वयंसेवकों की भूमिका भी सराहनीय रही। औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय और अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय दाऊदनगर में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में कुल 1581 मामलों का निपटारा किया गया। विभिन्न मामलों में लगभग 03 करोड़ 56 लाख 95 हजार 504 रुपए का समझौता कराया गया। मोटर दुर्घटना वादों के 3 मामलों में 26.25 लाख रुपए, पारिवारिक मामलों के 31 वाद, आपराधिक सुलह योग्य मामलों के 278 वाद, चेक बाउंस के एक मामले में 8.51 लाख रुपए और अनुमंडल पदाधिकारी न्यायालय, बैंक ऋण, टेलीफोन आदि से संबंधित सैकड़ों मामलों का निपटारा किया गया। पारिवारिक मामलों के निपटारा में जिले ने अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया। राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्घाटन समारोह जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के सभागार में आयोजित हुआ। उद्घाटन समारोह का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष राज कुमार, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय अरुण कुमार, जिला पदाधिकारी सह प्राधिकार की उपाध्यक्ष अभिलाषा शर्मा, पुलिस अधीक्षक अम्बरीश राहुल, जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव तान्या पटेल, जिला विधि संघ के अध्यक्ष विजय कुमार पाण्डेय तथा वकील संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह की ओर से संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया। समारोह में बड़ी संख्या में न्यायिक पदाधिकारी, वकील, बैंक एवं बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के पदाधिकारी तथा वादकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन उप मुख्य विधिक सेवा प्रतिरक्षा प्रणाली के वकील अभिनन्दन कुमार ने किया। स्वागत भाषण में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव तान्या पटेल ने राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह वाद निपटारा का एक प्रभावी और मानवीय माध्यम है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत से न केवल वादकारियों को शीघ्र न्याय मिलता है, बल्कि न्यायालय, जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन पर मुकदमों का बोझ भी कम होता है। इससे समाज में तनाव कम होता है और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनता है। उन्होंने मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि मीडिया के सहयोग से राष्ट्रीय लोक अदालत की गतिविधियां जन-जन तक पहुंचती हैं। जिला वकील संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत सौहार्द और आपसी समझ बढ़ाने वाला मंच है। उन्होंने अधिवक्ताओं की पार्किंग से जुड़े मुद्दों की ओर जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया, जिस पर जिला प्रशासन ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। वहीं जिला विधि संघ के अध्यक्ष विजय कुमार पाण्डेय ने सभी के सहयोग की सराहना करते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। पुलिस अधीक्षक अम्बरीश राहुल ने कहा कि प्रशासन का कार्य कई बार किसी न किसी पक्ष को असंतुष्ट कर देता है, फिर भी कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने शहर में जाम की समस्या, विशेषकर रमेश चौक एवं आसपास के क्षेत्रों में अव्यवस्थित वाहन पार्किंग पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत विवादों के त्वरित और सरल समाधान का प्रभावी माध्यम है, जिससे न्यायालय और प्रशासन का बोझ कम होता है। इसके लिए पुलिस प्रशासन द्वारा लोगों को जागरूक करने और नोटिस तामिला कराने में निरंतर सहयोग किया जाता है। जिला पदाधिकारी सह प्राधिकार की उपाध्यक्ष अभिलाषा शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित होना उनके लिए प्रसन्नता का विषय है। उन्होंने कहा कि ऑप्शनल विवाद समाधान के रूप में राष्ट्रीय लोक अदालत एक सराहनीय पहल है। “विलंब से मिला न्याय, न्याय नहीं होता,” इस सिद्धांत को चरितार्थ करते हुए लोक अदालत मामलों का त्वरित निपटारा करती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अधिक से अधिक मामलों का समाधान कर जनता को न्याय दिलाया जाएगा। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राज कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायालय के लिए एक पर्व की तरह होता है। यह वर्षों पुराने विवादों को समाप्त कर नए सिरे से सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने मीडिया कर्मियों के सहयोग की भी सराहना की। इसके पश्चात जिला जज द्वारा गठित सभी पीठों का दौरा कर वादों के निपटारा की अद्यतन जानकारी ली, जिससे वादकारियों में उत्साह देखने को मिला। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी लाल बिहारी पासवान ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन में सभी के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सफलता सभी के निरंतर प्रयासों का परिणाम है। विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर भी रहा आकर्षण का केंद्र राष्ट्रीय लोक अदालत के साथ-साथ विधिक सेवा सदन में विशेष चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस के अवसर पर आयोजित इस शिविर में आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम और प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना जैसी सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। शिविर में शुगर, बीपी, हीमोग्लोबिन जांच के साथ दवाओं का वितरण किया गया। कई लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड एवं अन्य स्वास्थ्य योजनाओं में निबंधन कर लाभ भी प्रदान किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन में प्राधिकार के उप प्रमुख विधिक रक्षा परामर्श प्रणाली श्री अभिनन्दन कुमार, सहायक अधिवक्ता रंधीर कुमार, चन्दन कुमार मिश्रा, कर्मी एवं अर्ध विधिक स्वयंसेवकों की भूमिका भी सराहनीय रही।


