कक्षा 9 व 11वीं की राज्य स्तरीय समान परीक्षा 7 मार्च से

कक्षा 9 व 11वीं की राज्य स्तरीय समान परीक्षा 7 मार्च से

राज्य में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के तहत होने वाली राज्य स्तरीय समान परीक्षा योजना के तहत कक्षा 9 और कक्षा 11 की वार्षिक परीक्षाओं का विस्तृत समय-विभाजन कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार परीक्षाएं 7 से 19 मार्च 2026 तक होंगी। परीक्षाएं दो पारियों में होगी। प्रथम पारी सुबह 8:30 से 11:45 बजे तक तथा द्वितीय पारी अपराह्न 1 से सायं 4:15 बजे तक।

कक्षा 9 का परीक्षा कार्यक्रम

कक्षा 9 की परीक्षाओं में अंग्रेजी, हिन्दी, गणित, सामाजिक विज्ञान, पंजाबी/संस्कृत/उर्दू/सिंधी, विज्ञान, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी की अवधारणा तथा राजस्थान का स्वतंत्रता आंदोलन एवं सांस्कृतिक परंपरा जैसे विषय शामिल हैं। आईटी विषय की परीक्षा द्वितीय पारी में आयोजित होगी, जबकि अधिकांश मुख्य विषय प्रथम पारी में लिए जाएंगे।

कक्षा 11 का परीक्षा कार्यक्रम

कक्षा 11 में अंग्रेजी अनिवार्य, हिन्दी अनिवार्य, अर्थशास्त्र, लोक प्रशासन, भूगोल, गृह विज्ञान, ऐच्छिक गणित, कंप्यूटर विज्ञान, समाजशास्त्र सहित विज्ञान, वाणिज्य एवं कला संकाय के विषयों की परीक्षाएं होंगी। कृषि जीव विज्ञान, जीव विज्ञान, राजनीति विज्ञान, टंकण-अंग्रेजी, चित्रकला, हिंदी/उर्दू/सिंधी/पंजाबी साहित्य तथा राजस्थान साहित्य जैसे विषय भी कार्यक्रम में शामिल किए गए हैं। कार्यक्रम के अनुसार 8 मार्च और 15 मार्च (रविवार) को परीक्षाएं नहीं होंगी।

विद्यालय स्तर पर होंगी शेष परीक्षाएं

जिन विषयों का उल्लेख इस समय-सारिणी में नहीं है, उनकी परीक्षाएं विद्यालय स्तर पर आयोजित की जाएंगी। कक्षा 11 के लिए कौशल विषयों में 30 अंक की प्रायोगिक, 30 अंक की प्रोजेक्ट और 40 अंक की लिखित परीक्षा विद्यालय स्तर पर ली जाएंगी।

प्रश्न पत्रों की गोपनीयता संस्था प्रधान की जिम्मेदारी

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रश्नपत्रों की गोपनीयता बनाए रखना संस्था प्रधान की जिम्मेदारी होगी। प्रश्नपत्रों का वितरण परीक्षा कार्यक्रम से मिलान के बाद ही किया जाएगा। किसी कारणवश यदि परीक्षा अवधि में अवकाश घोषित होता है, तो संबंधित परीक्षा आगामी कार्य दिवस में कराई जाएगी। राज्य स्तरीय समान परीक्षा का यह कार्यक्रम प्रदेशभर के लाखों विद्यार्थियों के लिए लागू होगा। इससे परीक्षा व्यवस्था में एकरूपता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।

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