SSB 16वीं वाहिनी ने मनाया 60वां स्थापना दिवस:एसपी-डीएम हुए शामिल, 10 पुलिस मेडल ऑफ वीरता से सम्मानित

SSB 16वीं वाहिनी ने मनाया 60वां स्थापना दिवस:एसपी-डीएम हुए शामिल, 10 पुलिस मेडल ऑफ वीरता से सम्मानित

सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 16वीं वाहिनी ने 13 दिसंबर 2025 को खैरा प्रखंड के पकरी स्थित अपने कैंप में अपना 60वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और जिलाधिकारी (डीएम) ने कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने जवानों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ दीं और आंतरिक सुरक्षा तथा नक्सल उग्रवाद के खिलाफ बल के योगदान की सराहना की। खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन स्थापना दिवस समारोह के दौरान वाहिनी परिसर में विभिन्न खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इनमें कबड्डी, आर्म रेसलिंग और रस्साकशी जैसी प्रतियोगिताएँ शामिल थीं, जिनमें जवानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। 16वीं वाहिनी का इतिहास कार्यक्रम में 16वीं वाहिनी के इतिहास और उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला गया। इस वाहिनी की स्थापना वर्ष 1965 में मणिपुर रेंज में हुई थी। बटालियन लंबे समय तक असम के कोकराझार क्षेत्र में तैनात रही और वर्ष 2016 में इसे जमुई जिले में स्थानांतरित किया गया। आंतरिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका वर्तमान में यह वाहिनी जमुई, बांका, लखीसराय और मुंगेर जिलों में आंतरिक सुरक्षा तथा नक्सल विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। 16वीं वाहिनी को अब तक 10 पुलिस मेडल ऑफ वीरता से सम्मानित किया जा चुका है। नक्सल विरोधी अभियानों में वाहिनी के 10 जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है। इन शहीदों का बलिदान बल के लिए प्रेरणास्रोत बना हुआ है। वाहिनी को वर्ष 2021 और 2024 में ‘बेस्ट ओपीएस ऑपरेशन बटालियन’ का सम्मान भी मिला है, जो इसकी कार्यकुशलता और उत्कृष्ट प्रदर्शन का प्रमाण है। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 16वीं वाहिनी ने 13 दिसंबर 2025 को खैरा प्रखंड के पकरी स्थित अपने कैंप में अपना 60वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और जिलाधिकारी (डीएम) ने कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने जवानों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ दीं और आंतरिक सुरक्षा तथा नक्सल उग्रवाद के खिलाफ बल के योगदान की सराहना की। खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन स्थापना दिवस समारोह के दौरान वाहिनी परिसर में विभिन्न खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इनमें कबड्डी, आर्म रेसलिंग और रस्साकशी जैसी प्रतियोगिताएँ शामिल थीं, जिनमें जवानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। 16वीं वाहिनी का इतिहास कार्यक्रम में 16वीं वाहिनी के इतिहास और उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला गया। इस वाहिनी की स्थापना वर्ष 1965 में मणिपुर रेंज में हुई थी। बटालियन लंबे समय तक असम के कोकराझार क्षेत्र में तैनात रही और वर्ष 2016 में इसे जमुई जिले में स्थानांतरित किया गया। आंतरिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका वर्तमान में यह वाहिनी जमुई, बांका, लखीसराय और मुंगेर जिलों में आंतरिक सुरक्षा तथा नक्सल विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। 16वीं वाहिनी को अब तक 10 पुलिस मेडल ऑफ वीरता से सम्मानित किया जा चुका है। नक्सल विरोधी अभियानों में वाहिनी के 10 जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है। इन शहीदों का बलिदान बल के लिए प्रेरणास्रोत बना हुआ है। वाहिनी को वर्ष 2021 और 2024 में ‘बेस्ट ओपीएस ऑपरेशन बटालियन’ का सम्मान भी मिला है, जो इसकी कार्यकुशलता और उत्कृष्ट प्रदर्शन का प्रमाण है।  

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