महाराष्ट्र में बच्चों…राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री फडणवीस को लिखा पत्र, उठाया ये सवाल

महाराष्ट्र में बच्चों…राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री फडणवीस को लिखा पत्र, उठाया ये सवाल

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे एक पत्र में महाराष्ट्र में बच्चों के अपहरण की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि गिरोह पूरे राज्य में सुनियोजित तरीके से छोटे बच्चों को निशाना बना रहे हैं। ठाकरे ने सरकार के दृष्टिकोण पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि वह शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान बजट अनुमोदन पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जबकि सार्वजनिक सुरक्षा को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों की उपेक्षा कर रही है।

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पत्र में क्या कहा गया है?

ठाकरे के पत्र में राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, 2021 और 2024 के बीच बाल अपहरण में लगभग 30% की वृद्धि का उल्लेख किया गया है। उन्होंने अंतरराज्यीय गिरोहों द्वारा बच्चों के अपहरण, उनसे जबरन मजदूरी करवाने और भीख मंगवाने पर चिंता व्यक्त की। ठाकरे ने इन गिरोहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में सरकार की विफलता की कड़ी आलोचना की और सवाल उठाया कि ऐसे अपराधों को रोकने के लिए कोई स्पष्ट रणनीति क्यों नहीं है।

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उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि सरकारी आंकड़े, जो अक्सर केवल बरामद किए गए बच्चों के प्रतिशत को ही दर्शाते हैं, समस्या की पूरी गंभीरता को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। यहां तक ​​कि जब बच्चों को बचा लिया जाता है, तब भी उनके साथ होने वाले आघात का समाधान नहीं हो पाता है। ठाकरे ने यह स्पष्टीकरण मांगा कि ये गिरोह इतनी खुलेआम और लगातार कैसे काम कर रहे हैं और सवाल किया कि सरकार ने “मजबूत और निर्णायक कार्रवाई” क्यों नहीं की है।

विधायी और प्रशासनिक कार्रवाई की अपील

ठाकरे ने विधानसभा में बाल अपहरण, लापता लड़कियों और अन्य सार्वजनिक सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। उन्होंने शीतकालीन सत्र की आलोचना करते हुए कहा कि यह सत्र मुख्य रूप से पूरक बजटों को मंजूरी देने पर केंद्रित रहा, और अक्सर प्रश्न उठने पर मंत्री अनुपस्थित रहे। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगते देखे जाने वाले बच्चों की उचित पहचान की जानी चाहिए, आवश्यकता पड़ने पर डीएनए परीक्षण के माध्यम से भी, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। ठाकरे ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार को केंद्रीय अधिकारियों के समन्वय से बाल अपहरणों को रोकने और कमजोर बच्चों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

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