भारत में चल रहे प्रोजेक्ट चीता की प्रगति और प्रबंधन का जायजा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका से एक पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 5 नवंबर को कूनो राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया। इस दौरान फील्ड डायरेक्टर ने बीते तीन वर्षों में किए गए संरक्षण कार्यों पर एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। दौरे के दूसरे दिन, 6 नवंबर को, प्रतिनिधिमंडल ने मैदानी भ्रमण किया। उन्होंने कूनो में चीता प्रबंधन, निगरानी, सुरक्षा व्यवस्था और अधिवास विकास कार्यों का करीब से निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद दल गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य, मंदसौर के लिए रवाना हुआ। दक्षिण अफ्रीकी टीम ने भारत सरकार, मध्यप्रदेश सरकार और कूनो प्रबंधन टीम की चीता संरक्षण में की जा रही मेहनत की सराहना की। प्रतिनिधियों ने कहा कि भारत में चीता पुनर्स्थापन कार्य विश्व स्तर पर वन्यजीव संरक्षण का एक प्रेरक उदाहरण है। प्रतिनिधिमंडल में ये थे शामिल दक्षिण अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में एडवोकेट एंथनी मिशेल (डिप्टी मंत्री नरेंद्र सिंह के लिए हेड ऑफ ऑफिस), कैम चेटी (सेवानिवृत्त प्रशासक), डॉ. सैम फेरेरा (प्रमुख जीवविज्ञानी, SANParks), डॉ. ब्रेंट कवरडेल (पशु वैज्ञानिक, Ezemvelo KZN Wildlife) और जीनिटा सेलियर (वरिष्ठ वैज्ञानिक, SANBI) शामिल थे। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में एस. पी. यादव (प्रबंध निदेशक, इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) एवं सलाहकार, चीता प्रोजेक्ट), सुभरंजन सेन (प्रमुख मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक (PCCF, Wildlife) एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, मध्यप्रदेश) और संजयन कुमार (निरीक्षक जनरल (IG), राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA), भारत सरकार) शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच वन्यजीव संरक्षण और पारस्परिक सहयोग को और सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। कूनो में आयोजित यह समीक्षा बैठक प्रोजेक्ट चीता की भावी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।


