स्वच्छता में आठ बार नंबर वन रह चुके इंदौर में सफाई के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। नाले की सफाई के लिए पहुंचे सफाईकर्मी और पार्षद उस वक्त हैरान रह गए, जब नाले के भीतर से सोफा, दरवाजा और बड़ी मात्रा में प्लास्टिक निकली। इस पर पार्षद ने लोगों से अपील की कि घरेलू सामान नालों में न डालें, बल्कि नगर निगम की ऐप के माध्यम से उसे सौंपें। यह घटना एक लॉ कॉलेज के समीप स्थित नाले की है। पार्षद प्रशांत बड़वे जब मौके पर सफाई कराने पहुंचे, तो सफाई मित्रों ने जेसीबी मशीन की जरूरत बताई। कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि नाले में पुराना सोफा, गेट, बाल्टियां और बड़ी संख्या में प्लास्टिक की थैलियां फेंकी गई हैं, जिससे सफाई में बाधा आ रही है। सफाई करवाई तो निकला पुराना सोफा सफाई मित्रों की बात सुनकर पार्षद भी हैरान रह गए। जेसीबी मशीन से नाले की सफाई करवाई गई, तो भीतर से पुराना सोफा, गेट, बाल्टियां और बड़ी मात्रा में प्लास्टिक की थैलियां निकलीं। पार्षद ने बताया कि कुछ लोग घरेलू सामान प्लास्टिक में भरकर यहां फेंक देते हैं, जिससे सफाई मित्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सफाई मित्र भी हमारे परिवार का हिस्सा हैं और ऐसी लापरवाही के कारण उन्हें नालों में उतरकर जोखिम भरी सफाई करनी पड़ती है। नजर रखने को भी कहा, कार्रवाई भी करेंगे पार्षद प्रशांत बड़वे ने बताया कि इलाका सुनसान होने के कारण कुछ लोग नाले में कचरा फेंक देते हैं। इसे रोकने के लिए एनजीओ के सदस्यों को निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। आगे यदि कोई कचरा डालते हुए पाया गया, तो स्पॉट फाइन की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना भी बनाई जा रही है। शादियों में उड़ाई जा रही पन्नियां, सफाई कर्मियों की बढ़ रही परेशानी उन्होंने बताया कि आजकल कई शादियों में मशीनों के जरिए बारीक पन्नियां उड़ाई जाती हैं। जब इन्हें साफ करने की बारी आती है, तो सफाई कर्मियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और उनकी कमर में दर्द तक होने लगता है। उन्होंने कहा कि शहर के लगभग 90 प्रतिशत लोग सफाई का ध्यान रखते हैं, लेकिन करीब 10 प्रतिशत लोग ध्यान नहीं रखते हैं। शहर की स्वच्छता केवल नगर निगम की नहीं, बल्कि जनता की भी जिम्मेदारी है, इसलिए नागरिकों का जागरूक होना बेहद जरूरी है।


