तो अब शिक्षा विभाग की इस क्रांतिकारी पहल से सुधरेगा बच्चों का रिजल्ट…सरकारी स्कूलों में अब कोचिंग जैसा रिवीजन मॉडल

तो अब शिक्षा विभाग की इस क्रांतिकारी पहल से सुधरेगा बच्चों का रिजल्ट…सरकारी स्कूलों में अब कोचिंग जैसा रिवीजन मॉडल

कोचिंग सेंटरों की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में भी रिवीजन पर जोर रहेगा। शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी स्कूलों में 15 नवंबर तक पूरा पाठ्यक्रम पूरा कर लिया जाए, ताकि दिसंबर में होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा से पहले रिवीजन कराया जा सके। शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि नियमित अध्ययन और पुनरावृत्ति से विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार होता है। रिवीजन केवल याद करने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि समझ को गहरा करने और ज्ञान को लंबे समय तक बनाए रखने का प्रभावी तरीका है। रिवीजन के दौरान विद्यार्थी अपनी कमजोरियों को पहचान सकते हैं और उनमें सुधार कर सकते हैं। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और परीक्षा के समय तनाव व घबराहट कम होती है।

ज्ञान को अल्पकालिक से दीर्घकालिक स्मृति में लाने पर फोकस

आदेश में कहा गया है कि जब विद्यार्थी किसी विषय की बार-बार पुनरावृत्ति करते हैं, तो वह जानकारी अल्पकालिक स्मृति से निकलकर दीर्घकालिक स्मृति में स्थायी रूप से दर्ज हो जाती है। इससे परीक्षा के समय उत्तर तेजी और सटीकता से दिए जा सकते हैं।

पाठ्यक्रम पूरा करने की समयसीमा तय

सभी शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 15 नवंबर तक अपने-अपने विषयों का पाठ्यक्रम पूरा करें, ताकि इसके बाद केवल रिवीजन सत्र पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। रिवीजन के दौरान कठिन विषयों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़े और कमजोर विषयों में भी वे बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

पिछले सत्र जैसी नीति इस बार भी लागू

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि गत शिक्षा सत्र में राज्य स्तरीय समान परीक्षा से संबंधित जो नीलपत्र और दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, वे इस सत्र में भी यथावत रहेंगे। सभी विद्यालयों को इन निर्देशों के अनुरूप तैयारी करने और परीक्षा पूर्व रिवीजन की ठोस व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *