सिम बेचने वाले बने ठगों के साइलेंट पार्टनर, बरेली में अब 16 एफआईआर, निर्दोष फंस रहे, असली गुनहगार आजाद

सिम बेचने वाले बने ठगों के साइलेंट पार्टनर, बरेली में अब 16 एफआईआर, निर्दोष फंस रहे, असली गुनहगार आजाद

बरेली। जिले में साइबर ठगी का जाल अब मोबाइल सिम बेचने वाली दुकानों से सीधे जुड़ता दिख रहा है। हालात इतने संगीन हैं कि पिछले कुछ ही दिनों में जिले के अलग-अलग थानों में दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। गुरुवार को भी सीबीगंज और सुभाषनगर थाने में दो सिम विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने सनसनी फैला दी।

नियम-कानून को ताक पर रखकर फर्जी, प्री-एक्टिवेटेड सिम धड़ल्ले से जारी की जा रही हैं और इन्हीं सिमों के जरिए लाखों रुपये की साइबर ठगी को अंजाम दिया जा रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि असली साइबर अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि जिनके नाम पर सिम जारी हुई, वही लोग थानों और कोर्ट के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

डीआईजी का सख्त आदेश, फिर भी खेल जारी

बरेली रेंज के डीआईजी अजय साहनी ने दिसंबर की शुरुआत में ही चारों जिलों के पुलिस कप्तानों को साफ निर्देश दिए थे कि प्री-एक्टिवेटेड सिम प्रोवाइडर और फर्जी सिम जारी करने वालों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया जाए। डीआईजी ने दो टूक कहा था कि डिजिटल अपराधों में भी पुलिस अब पूरी ताकत से उतरेगी। इसके बावजूद सिम विक्रेता बेखौफ होकर साइबर ठगों के लिए रास्ता खोलते रहे।

बिना खरीदे जारी हो गई सिम, 41 हजार की ठगी और युवक फंसा

भोजीपुरा के दोहना पीतमराय निवासी राशिद खां के नाम पर चोरी-छिपे सिम जारी कर दी गई। आरोप है कि सीबीगंज के अटा कायस्थान स्थित फिरोज कम्युनिकेशन का संचालक अनीस खान ने यह फर्जीवाड़ा किया। राशिद का कहना है कि उसने कभी यह सिम खरीदी ही नहीं, लेकिन उसी सिम से 41,500 रुपये की साइबर ठगी कर दी गई। यह वारदात 20 जनवरी 2024 को हुई और शिकायत अयोध्या के थाना बड़ा बाजार में दर्ज है। अब पीड़ित ने सीबीगंज थाने में सिम विक्रेता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराकर सच्चाई सामने रखी है।

सिम विक्रेता बना ठगों का फ्रंटमैन, 39 हजार उड़ाए

सुभाषनगर थाना क्षेत्र में भी सिम बेचने की आड़ में चल रहे गोरखधंधे ने पुलिस के होश उड़ा दिए। जांच में सामने आया कि बिरिया नारायनपुर में गंगवार क्लीनिक के सामने रहने वाला शाहिद हुसैन अपने पीओएस कोड से नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाता रहा। इसी सिम से साइबर अपराधियों ने दो अलग-अलग वारदातों में 12 हजार और 27 हजार रुपये, यानी कुल 39 हजार रुपये उड़ा लिए। ठगी की शिकायतें पहले से ही एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज थीं, इसके बावजूद सिम विक्रेता निडर होकर धंधा करता रहा। आखिरकार जांच के बाद दरोगा होराम सिंह को खुद थाने में मुकदमा दर्ज कराना पड़ा।

पुलिस का शिकंजा कसता, सिम विक्रेता सवालों के घेरे में

इन मामलों ने साफ कर दिया है कि साइबर ठगी सिर्फ कॉल और लिंक का खेल नहीं, बल्कि इसमें सिम विक्रेताओं की मिलीभगत भी बड़ी कड़ी बन चुकी है। एसएसपी अनुराग आर्य ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि फर्जी और अवैध तरीके से सिम जारी करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। साइबर ठगी के नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने के लिए पुलिस ने अभियान तेज कर दिया है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि लालच में न आएं, अनजान कॉल, मैसेज और लिंक से दूरी बनाए रखें। साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।

​ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *